पंचतत्व में विलीन हुए झुंझुनू के लाल शहीद विनोद सिंह, बेटी बोली- मैं हंसते-हंसते उन्हें विदा करना चाहती हूं

शहीद विनोद की अंतिम यात्रा में शामिल होने सैकड़ों लोग सूरजगढ़ में उनके पैतृक गांव पहुंचे थे. इसा दौरान तिरंगा यात्रा निकली गई. जेसीबी से फूलों की बारिश की गई. 

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शहीद पिता को सैल्यूट करतीं बेटी

Jhunjhunu News: झुंझुनू के जवान विनाेद सिंह शेखावत को सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव काजड़ा में अंतिम विदाई दी गई. मणिपुर में म्यांमार सीमा पर तैनात शेखावत की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी. शहीद को उनके 10 साल के बेटे राज्यवर्धन सिंह शेखावत ने मुखाग्नि दी. इस दौरान हर तरफ गमगीन माहौल था. शहीद विनोद अपने पीछे पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे को छोड़ गए हैं. अपने पिता के पार्थिव शरीर को देखकर सभी बच्चे बिलख -बिलख कर रोने लगे. उनकी बेटी ने कहा, ''मुझे अपने पापा पर बहुत गर्व है, मैं हंसते-हंसते उन्हें विदा करना चाहती हूं''. शहीद विनोद की अंतिम यात्रा में शामिल होने सैकड़ों लोग सूरजगढ़ में उनके पैतृक गांव पहुंचे थे. इसा दौरान तिरंगा यात्रा निकाली गई. जेसीबी से फूलों की बारिश की गई. 

मणिपुर में अचानक बिगड़ी तबीयत

काजड़ा के 40 साल के विनोद सिंह (पुत्र जगमाल सिंह) 2004में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. वह सेना की इन्फैंट्री बटालियन 2 महार रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे. जवान विनोद सिंह शेखावत मणिपुर में म्यांमार बॉर्डर पर तैनात थे. 

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वह 23 नवंबर की रात सर्विलांस ड्यूटी कर रहे थे जब 11:40 बजे उनकी तबीयत बिगड़ गई. उन्हें इंफाल के शिजा हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ले जाया गया. वहां रात करीब 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

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एक दिन पहले 25 नवंबर की शाम उनका पार्थिव शरीर जयपुर एयरपोर्ट पहुँचा जहां सेना की यूनिट ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद आज (26 नवंबर) की सुबह सेना की एक टुकड़ी के साथ उनकी पार्थिव देह गांव काजड़ा लाई गई जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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