Rajasthan News: राजस्थान के अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर को 6 महीने बाद केंद्र सरकार से शहीद का दर्जा मिल गया. इसके साथ ही उनके आश्रितों के बैंक अकाउंट में 2 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर कर दिए गए हैं. 9 मई 2024 को जम्मू-कश्मीर में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों की गोली लगने से वे शहीद हो गए थे, जिसके बाद 11 मई 2024 को अलवर जिले के नवलपुरा-मोरोड कला गांव में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था. उस वक्त बड़ी संख्या में लोग वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े थे, और पूरा गांव 'जितेद्र सिंह अमर रहे' के लगे नारों से गूंज उठा था.
राजौरी में आतंकियों ने मारी थी गोली
जितेंद्र सिंह तंवर राजस्थान के पहले अग्निवीर हैं, जिन्हें शहीद का दर्जा मिला है. वे भारतीय सेना में 29 दिसंबर 2022 को भर्ती हुए थे. वे 3 पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे. एक साल बेंगलुरु में ट्रेनिंग लेने के बाद 29 फरवरी 2024 को उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी. ज्वाइनिंग के 3 महीने बाद जब वो राजौरी इलाके में सर्च ऑपरेशन कर रहे थे, तभी आतंकियों से उनकी मुठभेड़ हो गई. इसी दौरान आतंकियों ने उनके सिर पर गोली मार दी, जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
सरकार के फैसले से खुशी का माहौल
उस वक्त बताया गया था कि अग्निवीर योजना में भर्ती हुए सैनिकों को सरकार शहीद का दर्जा नहीं देती. मगर, जब परिवार ने शहीद के दर्जे की मांग की तब सरकार ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि जो भी नियम के अनुसार होगा किया जाएगा. आज 6 महीने के बाद अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर को शहीद का दर्जा दिया गया. शहीद जितेंद्र सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, बड़ा भाई और मां सरोज देवी हैं. अग्निवीर को शहीद का दर्जा मिलने के बाद उनके गांव में खुशी का माहौल है. उनके परिवार के बक्तावर सिंह ने बताया कि सोमवार को उनके पत्र मिला, जिसमें शहीद का दर्जा देने की जानकारी दी गई थी. जितेंद्र सिंह के परिजनों ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी जितेंद्र सिंह के परिवार को पूरा पैकेज देने की बात कही थी.
3 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल तरुराज देव ने 11 नवंबर 2024 को राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी सुधांश पंत को एक लेटर भी लिखा था, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन रक्षक के दौरान जितेंद्र सिंह तंवर की मृत्यु को 'युद्ध में शहादत' रूप में वर्गीकृत किया गया है. जब जयपुर स्थित जिला सैनिक कल्याण से बातचीत की गई तो पता चला कि राजस्थान सरकार शहीदों के परिवारों को कई मौद्रिक लाभ और अन्य सहायता प्रदान करती है, जिसमें शहीद सैनिक की वीरनारियों को 5 लाख रुपये के तत्काल नकद वितरण के साथ 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी शामिल है. नामांकन के अनुसार, सैनिक के बड़े भाई सुनील सिंह को शहीद सैनिक का दूसरा नामांकित व्यक्ति घोषित किया गया. इसीलिए शहीद सैनिक के परिवार को पुनर्वास सहायता के तहत सुविधाएं प्रदान करने पर विचार करें.
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