जोधपुर माचिया पार्क में अकेले बाघ एंथोनी के लिए गुजरात से आई बाघिन, क्वारंटाइन के बाद जनवरी में होगी पहली  

जोधपुर के माचिया बायोलॉजिकल पार्क में अकेले बाघ एंथोनी को गुजरात से नई बाघिन साथी मिली है. अब क्वारंटाइन के बाद जनवरी में दोनों मिलेंगे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित माचिया बायोलॉजिकल पार्क पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है. यहां का मशहूर बाघ एंथोनी लंबे समय से अकेला था. अब उसके लिए अच्छी खबर आई है. उसे एक नई बाघिन के रूप में जीवन साथी मिल गई है. यह कदम केंद्र और राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है जो चिड़ियाघरों और जैविक उद्यानों में जानवरों को जोड़ों में रखने पर जोर देती है. इससे उनके प्राकृतिक व्यवहार को बढ़ावा मिलता है और संरक्षण कार्य मजबूत होता है.

एंथोनी की पुरानी कहानी और नई शुरुआत

करीब डेढ़ साल पहले एंथोनी की जीवन साथी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी. उसके बाद वह पार्क में अकेला रह गया. पर्यटक उसे देखकर दुखी होते थे. वन विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या को गंभीरता से लिया. उन्होंने उच्च स्तर पर बातचीत की और एंथोनी के लिए नई साथी लाने की योजना बनाई.

गुजरात के जूनागढ़ में शक्करबाग चिड़ियाघर से ढाई साल की एक स्वस्थ बाघिन को चुना गया. यह बाघिन दो दिन पहले जोधपुर पहुंची. अधिकारियों ने इसे सुरक्षित तरीके से पार्क में लाया.

जानवरों का आदान-प्रदान और संतुलन बनाना

यह प्रक्रिया सिर्फ एक तरफा नहीं थी. गुजरात में चिंकारों की जोड़ियों में असंतुलन था. इसलिए जोधपुर से पांच चिंकारों को गुजरात भेजा गया. बदले में बाघिन को यहां लाया गया. उपवन संरक्षक रमेश मुंड ने बताया कि यह आदान-प्रदान जानवरों की प्रजातियों को संतुलित रखने के लिए जरूरी है.

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क्षेत्रीय वन अधिकारी करणसिंह राजपुरोहित ने इस काम में मुख्य भूमिका निभाई. उन्होंने चिंकारों को गुजरात सौंपा और बाघिन को जोधपुर लाने में मदद की. इससे दोनों राज्यों के बीच सहयोग बढ़ा है

.क्वारंटाइन और मिलन की योजना

नई बाघिन को पार्क में लाने के बाद नियमों का पालन किया जा रहा है. जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य जांच के कारण उसे एक महीने तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि वह पूरी तरह स्वस्थ है और नए वातावरण में ढल सके. दिसंबर के आखिरी सप्ताह में उसे एंथोनी के पिंजरे में छोड़ा जाएगा. जनवरी में दोनों को एक साथ रखा जाएगा ताकि वे आपस में घुलमिल सकें. अधिकारियों का कहना है कि इससे उनका सामंजस्य बढ़ेगा. उसके बाद पर्यटक दोनों को साथ देख सकेंगे.

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