Rajasthan News: राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों की बेहतरी के लिए बड़े बदलावों की बात की है. उन्होंने कहा कि पुरानी कृषि पद्धतियों को अपनाकर हम खेती को मजबूत बना सकते हैं. मंत्री ने जोर दिया कि किसानों की आय बढ़ाने और जमीन की सेहत बचाने पर ध्यान जरूरी है.
इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम को बढ़ावा
कृषि मंत्री ने बताया कि एक खेत में कई फसलें उगाने की पुरानी व्यवस्था को फिर से शुरू करना चाहिए. इससे किसानों की उपज बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इससे खेती में विविधता आएगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा.
फर्टिलाइजर से जहरीली होती जमीन पर चिंतन
मंत्री ने चिंता जताई कि रासायनिक खाद से जमीन जहरीली हो रही है. अगले तीन दिनों में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श होगा. उन्होंने कहा कि नेचुरल फार्मिंग और ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत है. वैज्ञानिक इस पर मंथन कर रहे हैं और इसका निष्कर्ष सीधे किसानों तक पहुंचाया जाएगा. इससे खेती सुरक्षित और टिकाऊ बनेगी.
पुरानी खाद व्यवस्था की याद, स्वास्थ्य पर असर
खाद की कमी के सवाल पर मंत्री ने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि पहले गांव के गोबर और प्राकृतिक खाद से ही काम चलता था. उस समय फसल शुद्ध होती थी और बीमारियां कम. लेकिन अब रासायनिक खाद से गांवों में किडनी की समस्या पेट दर्द ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं. पहले डायबिटीज का नामोनिशान नहीं था. मंत्री ने कहा कि एडल्ट्रेड अनाज खाने से ये परेशानियां हो रही हैं. हमें इससे छुटकारा पाने के लिए बड़ा चिंतन चाहिए.
फर्टिलाइजर का लालच और बढ़ती मांग
किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि शुरू में फर्टिलाइजर से उपज बढ़ने का लालच किसानों को हुआ. सरकार लगातार खाद उपलब्ध करा रही है लेकिन इस बार लंबी बारिश से जमीन में नमी बनी रही. इससे सरसों के बाद गेहूं बोने का गैप कम हो गया और खाद की मांग अचानक बढ़ी. यूरिया की कमी पर उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में डीएपी की ज्यादा मांग से इंपोर्ट यूरिया में थोड़ी कमी आई.
निगरानी से कालाबाजारी पर काबू
मंत्री ने IFMS पोर्टल का जिक्र किया जहां से खाद का स्टॉक और गड़बड़ियां ट्रैक की जा रही हैं. पुराने सिस्टम में कालाबाजारी और महंगे दाम पर बेचने की समस्या थी लेकिन अब इसे कम कर लिया गया है. नकली फर्टिलाइजर पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया है. इस साल बुवाई का रकबा 9 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है.
मंत्री खुद केंद्र के अधिकारियों से मिलते रहे हैं और हर जगह निगरानी चल रही है. उन्होंने कहा कि आज पर्याप्त खाद उपलब्ध है. कभी-कभी खरीदने की भीड़ से कमी का भ्रम होता है लेकिन मारामारी जैसी स्थिति नहीं है.
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