
Rajasthan News: राजस्थान में एक घटना सामने आई जहां आरोपियों ने अफसर के ऊपर बदले की भावना से हमला कर दिया. यह हमला तब हुआ जब आरटीओ टीम ने आरोपी के भाई के ट्रक का चालान किया था. यह मामला जोधपुर शहर से सामने आया है. जहां सूरसागर पुलिस ने 13 सितम्बर को आरटीओ अफसर और उड़नदस्ते (flying squad) पर हमला करने और राजकार्य में बाधा डालने के मुख्य आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. उससे वारदात में प्रयुक्त बोलेरो कैंपर को भी जब्त किया गया है.
देर रात चल रही थी चेकिंग
थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता से लेते हुए थाना स्तर पर एक विशेष टीम गठित की गई. 13 सितंबर को श्रीकांत कुमावत (परिवहन निरीक्षक प्रादेशिक कार्यालय जोधपुर) ने रिपोर्ट दी थी. इसमें बताया कि वे प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में जोधपुर में 28 फरवरी से कार्यरत है. उन्हें प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा डीएफएस-06 में तैनात किया गया है. उनकी फ्लाइंग में ड्राईवर महेन्द्रसिंह राठौड़, गार्ड मानाराम विश्नोई हैं. 12 सितम्बर की रात करीब 01 बजे बालरवा चेकिंग में चल रही थी. वहां पर काफी चेक पोस्ट बनाए गए थे.
आते ही तोड़ा गाड़ी का कांच, अफसर हुए घायल
विश्नोई ने बताया कि नारवा में सामने से एक बोलेरो केम्पर आई और उसने कैम्पर से फ्लाइंग टक्कर मारने की कोशिश की. जिसपर ड्राइवर ने गाड़ी को वहां से बचाकर वहां से निकाल दिया. नारवा पुलिया से तकरीबन 1 किलोमीटर कालीबेरी की तरफ भागते हुए महादेव सेन्ड स्टोन जो मेन रोड़ पर हैं.
पीछे से बोलेरो केम्पर आई, जिसमें बैठे आदमी ने केम्पर को फ्लाइंग गाड़ी के पीछे लगाकर नीचे उतर कर आया. उसने आते ही ड्राइवर साइड के कांच के ऊपर लाठी से हमला किया और कांच फोड़ दिया. जिससे कांच के टुकड़े उछल कर आरटीओ अफसर की दाईं आंख में घुस गया.
गार्ड मानाराम विश्नोई के आंख व चेहरे पर कांच के टुकड़े लगें. गाड़ी पर हमला करने वाला पुखराज जाट और उसके साथ पिन्टाराम भी था. इन लोगों ने हमारे द्वारा गाङ़ी का चालान बनाने से नाराज होकर हमला किया.
आरोपी के भाई की गाड़ी का हुआ था चालान
थानाधिकारी ने बताया कि अभियुक्त पुखराज से पूछताछ में पता लगा कि आरोपी के भाई के ट्रक का प्रादेशिक परिवहन कार्यालय जोधपुर की उड़नदस्ते की टीम द्वारा चालान किया गया था. अभियुक्त पुखराज ने आरटीओ की टीम से बदला लेने के उद्देश्य से यह हमला किया. पुलिस की टीम में एएसआई सुरताराम, कांस्टेबल मनीष, धर्माराम, बनवारीलाल और डूंगरराम शामिल रहे.
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