जीते जी लिया अंगदान का संकल्प, दूसरों को भी कर रहे प्रेरित; मिसाल बनी जोधपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र की कहानी

अंगदान महादान अभियान को सफल बनाने के लिए जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जितेंद्र पुरोहित ने अनूठी पहल करते हुए जीते-जी अपना अंगदान करने की संकल्प लिया है. साथ ही वो दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं.

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जीते-जी अंगदान का संकल्प लेने वाले जोधपुर के डॉ. जितेंद्र पुरोहित.

Jodhpur News: सेवा के वैसे तो आपने खूब अनूठे उदाहरण देखें होंगे, लेकिन प्राणों को त्यागने के बाद भी किसी जरूरतमंद की सेवा करना उस व्यक्ति को कही सालों बाद भी आम लोगो दिलों में जीवित रखता है. दरअसल अंगदान करना यदि आप भी जिंदगी के बाद भी किसी को जीवनदान देने का संकल्प लेने के इच्छुक है तो आपके पास भी सुनहरा अवसर है. इंसान जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी दूसरों के लिए जीवन दे सकता है.
 

मेडिकल साइंस के साथ-साथ चिकित्सा विभाग और कई संस्थाएं अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं. इस बीच जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्र पुरोहित ने जीते-जी अंगदान का संकल्प लेकर बड़ी मिसाल पेश की है.

अंगदान महादान अभियान को सफल बनाने के लिए जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जितेंद्र पुरोहित ने अनूठी पहल करते हुए जीते-जी अपना अंगदान करने की संकल्प लिया है. साथ ही वो दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं.

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अंगदान के लिए ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

जोधपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 'CMHO' के पद पर कार्यरत डॉ जितेंद्र पुरोहित ने कहा कि अपना अंगदान कर दूसरों को जीवनदान देने के लिए लोगों को अपने अंगों का महादान कर सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रही महत्वकांक्षी योजना विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविरो में जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ के साथ ही अपना जिंदगी के बाद अंगदान करने का संकल्प ऑनलाइन प्राप्त कर सके है. इसके लिए 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी नागरिक इस महादान अभियान में अपनी भागीदारी निभा सकते है.

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डॉ. जितेंद्र पुरोहित को अंगदान के लिए मिला सर्टिफिकेट.

दिव्यांगों की तकलीफ देख कर्मचारी ने भी लिया था अंगदान का संकल्प

जोधपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में ही कार्यरत सूचना सहायक विजय चौहान ने भी अंगदान महादान अभियान में अपना अंगदान करने का संकल्प लिया था. चौहान ने बताया कि जिस प्रकार से उनके पास दिव्यांग व्यक्ति आते हैं तो उनकी पीड़ा को देखते हुए उनके मन में इच्छा जागृत हुई कि जिंदगी के बाद भी मेरे अंग जरूरतमंद के काम आए इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता. इसी के तहत उन्होंने जीवन के बाद अंगदान करने का संकल्प लिया है.

उन्होंने अन्य नागरिकों से भी अपील की है कि आप भी इस महादान अभियान में अपनी भागीदारी निभाते हुए जिंदगी के बाद भी लोगो के लिए जीवनदान देने के लिए सहयोगी बने. डॉ. जितेंद्र पुरोहित और विजय चौहान की इस नेक पहल की जमकर सराहना की जा रही है. 

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