करौली के दंगल में 121 किलो की नाल उठाने वाला बना विजेता, कई राज्यों से पहुंचे पहलवान

राजस्थान के करौली जिले में हर साल होली के बाद दूज पर परंपरागत नाल दंगल का आयोजन होता है, जो रियासतकालीन समय से चली आ रही परंपरा है. इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के पहलवान भाग लेते हैं और 121 किलो की नाल उठाने वाले विजेता को इनाम मिलता है.

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नाल दंगल.

Rajasthan News: पूर्वी राजस्थान के नाल दंगल का शौक लंबे अरसे से परम्परागत तरीके से चलता आ रहा है. यह नाल दंगल प्रतियोगिता रियासतकालीन समय से है. वहीं अब यह प्रदेश के करौली जिले में आयोजित किया गया है. यह दंगल मेले मैदान में 12 गांव अथाई गुर्जर समाज की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दूज पर आयोजित किया गया.

सचिन गुर्जर रहे विजेता

नाल दंगल प्रतियोगिता होली के दूसरे दिन दूज पर आयोजित की गई. इसमें दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, सहित अन्य अलग-अलग राज्यों के पहलवानों ने भाग लिया. इस प्रतियोगिता में 121 किलो की नाल अंतिम नाल सचिन गुर्जर ने उठाई. जिसको नाल दंगल के पदाधिकारियों के द्वारा 5100 रु की इनाम दी गई.

दंगल में नाल उठाता हुआ युवक.

राजा शाही समय से हो रहा दंगल का योजना

भाई दूज के मौके पर नाल दंगल का आयोजन राजा शाही जमाने से चला आ रहा है. इस दंगल की खासियत प्रति के पहलवान उठाने के लिए मेला ग्राउंड में आते हैं. इसके बाद यहां से लगभग 5100 तक का इनाम जीत कर जाते हैं. जिसमें 12 गांव अथाई के द्वारा विजेता पहलवान स्वागत कर उसे विजेता का पुरस्कार दिया जाता है.

कई राज्यों से पहुंचे पहलवान

स्टेट नाल प्रतियोगिता के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तक के दर्जनों पहलवान नाल उठाने के लिए साल भर तक अभ्यास करते हैं और उन्हें इस दंगल का पूरे वर्ष भर का इंतजार रहता है. जो की करौली में होली के बाद भाई दूज के अवसर पर करौली के मेला ग्राउंड परिसर में आयोजित किया जाता है. इस दौरान आसपास के क्षेत्र के लोग इस नामी प्रतियोगिता में मौजूद रहते हैं.

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