कटेरी के फूलों से खांसी, अस्थमा और लिवर समेत कई रोगों का इलाज, अनोखे हैं इसके फायदे

कटेरी, जिसे भटकटैया या कंटकारी भी कहते हैं. आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों के लिए पहचानी जाती है. यह खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द, लिवर और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
कटेरी का फूल.

Rajasthan News: कटेरी जिसे भटकटैया या कंटकारी भी कहते हैं, आयुर्वेद में इसके अनमोल औषधीय गुणों के लिए पहचाना जाता है. यह पौधा खांसी, बुखार, अस्थमा, सिरदर्द, पेट दर्द, लिवर और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है. इसके फूल गले की सूजन और खराश को कम करने में मददगार होते हैं.

चरक और सुश्रुत संहिता में उल्लेख

चरक संहिता के अनुसार, कटेरी खांसी और बलगम की समस्या को दूर करने के लिए उपयोगी है. इसके फूलों का चूर्ण शहद के साथ लेने पर खांसी में राहत मिलती है. सुश्रुत संहिता में भी इसके सैकड़ों औषधीय गुणों का वर्णन किया गया है.

पाचन और लिवर के लिए लाभकारी

कटेरी पित्त और कफ को नियंत्रित करने के साथ पाचन सुधारने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है. इसके काढ़े का सेवन लिवर को स्वस्थ रखता है और लिवर की सूजन व संक्रमण में राहत देता है.

सांस और त्वचा संबंधी समस्याओं में प्रभावी

इसमें एंटी-अस्थमैटिक गुण मौजूद हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करते हैं. साथ ही, कटेरी रक्त को शुद्ध कर त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे और एक्जिमा में राहत देता है.

Advertisement

सिरदर्द और पेट दर्द का समाधान

सिरदर्द में कटेरी का काढ़ा पीने या इसका रस माथे पर लगाने से राहत मिलती है. पेट दर्द के लिए इसके बीजों को छाछ में मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूरी

कटेरी का सेवन करते समय आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी हो सकती है. यह पौधा न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए एक अमूल्य प्राकृतिक उपाय भी है.
कटेरी के अद्भुत गुण इसे प्रकृति का अनमोल उपहार बनाते हैं. सही तरीके से उपयोग कर आप इसके लाभों का भरपूर आनंद ले सकते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें- NDTV Yuva: सारा अली खान को कौन सा रोल है पसंद, मौका मिलेगा तो इस टॉपिक बनाएगी फिल्म