Rajasthan Politics: अजमेर में होटल का नाम बदलने पर हुए विवाद में कूदे बाबा बालकनाथ, बोले- 'खादिम का इतिहास से कोई मतलब नहीं'

Ajaymeru Hotel: बाबा बालकनाथ ने कहा कि खादिम का राजस्थान की विरासत, संस्कृति और इतिहास से कोई मतलब नहीं है. मैं मानता हूं कि सरकार ने सही फैसला किया है.

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महंत बालकनाथ.

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने अजमेर में होटल 'खादिम' का नाम बदलकर 'अजयमेरु' कर दिया है. इसके बाद से ही जिले में सियासत गरमाई हुई है. बुधवार को खादिमों के संघ के सचिव ने इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि लाल किला, कुतुब मीनार और ताजमहल भी तोड़ दो. मगर इतिहास रबड़ से नहीं मिटेगा. उनके इस बयान पर अब राजस्थान से भाजपा विधायक बाबा बालक नाथ (Balaknath) ने पलटवार किया है. 

'सरकार ने सही फैसला किया है'

एमएलए बालकनाथ ने कहा, 'खादिम का राजस्थान की विरासत, संस्कृति और इतिहास से कोई मतलब नहीं है. मैं मानता हूं कि सरकार ने सही फैसला किया है. राजस्थान में संस्कृति और इतिहास से जुड़ी स्मरण कराने वाली चीजें हैं. जैसे जगहों के नाम महान विभूतियों के नाम हैं. उनके नाम पर किसी निवास स्थान का नाम होता है तो इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को पता चलता है कि हमारे लिए कौन लड़े थे. समाज को एकजुट करने के लिए किन लोगों ने काम किया था.'

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पृथ्वीराज चौहान के किले पर बयान

भाजपा विधायक ने आगे कहा, 'मैं डेढ़ साल पहले अजमेर गया था. मुझे वहां जानकारी मिली थी कि अजमेर में एकमात्र पृथ्वीराज चौहान का किला है. 250 साल से ज्यादा का समय हो गया है, जब भारत से मुगल गए. पृथ्वीराज चौहान, जिनके नाम से राजस्थान की पहचान है, उनके किले पर आज भी मुगल शासकों का कब्जा है. मैं चाहता हूं कि वहां से कब्जा हटना चाहिए. एकमात्र जो निशानी है, सरकार को इसका जीर्णोद्धार करना चाहिए. हमारी वर्तमान पीढ़ी के सामने राजस्थान के इतिहास को रखना चाहिए. किले का भी संरक्षण होना चाहिए और पृथ्वीराज चौहान की स्मृतियों को किले में रखा जाना चाहिए. उन्होंने अपने देश और संस्कृति के लिए जो किया है, वास्तव में उनका बलिदान और इतिहास अतुलनीय है. ऐसे लोगों का इतिहास जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान किया है उनके जीवन के बारे में वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को अवश्यक जानकारी होनी चाहिए. हमारा मानना है कि अब समय आ गया है जब मुगल शासकों से पृथ्वीराज चौहान के किले को मुक्ति दिलाई जाए.'

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अवैध मस्जिदों में बन रही रणनीति

मेवात क्षेत्र में चल रहीं अवैध गतिविधियों पर बालकनाथ ने कहा, 'मेवात में अवैध मस्जिदों में बैठकर इस तरह की रणनीति बनाई जाती हैं.चाहे धर्म परिवर्तन के विषय हों, या फिर लव जिहाद के विषय हों. इसके अलावा ऑनलाइन फ्रॉड की गतिविधियों का संचालन किया जाता है. मैं मानता हूं कि इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं, किसी भी धर्म का अपमान करना हमारी भावना नहीं है. लेकिन, मानवता और देश के विपरीत अगर षडयंत्र करते हैं तो उसकी जांच होनी चाहिए. अवैध जो निर्माण है इसे सरकार को देखना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए. गांव, वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है. हम लोगों ने इस पर नजर बनाई हुई है और पूरी सूची भी तैयार है, जिसमें अवैध कब्जों के बारे में जगहों को चिन्हित किया गया है. सरकार से इस बारे में कहा है और आगे भी कहेंगे कि इन चीजों को हटाया जाए.'

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