खाटू श्याम की महिमा महान... कील लगे तख्त पर पेट के बल दंडी करते हुए बाबा श्याम की परिक्रमा कर रहा भक्त

Khatu Shyam Mandir Sikar: बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है. मान्यता है कि कलयुग के अवतारी बाबा श्याम के दरबार में पहुंचने वाले भक्तों के बाबा श्याम हर दुख हर लेते है. बाबा श्याम जब अपने भक्तों की मन्नत पूरी करते है तो भक्त भी अजब गजब तरीके बाबा श्याम की नगरी की यात्रा कर बाबा श्याम के सामने हाजिरी लगाते हैं.

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कील लगे तख्त पर दंडी करते हुए खाटू श्याम की परिक्रमा कर रहा भक्त.

Khatu Shyam Mandir Sikar: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर पर भक्तों की अगाध श्रद्धा है. देश-विदेश से यहां श्रद्धालुओं का हुजूम जुटता है. बाबा श्याम पर लोगों की आस्था इस कदर है कि कई भक्तों कुछ ऐसा भी कर जाते हैं, जिसे देखकर लोग दांतो तले अंगुलियां दबा लें. ऐसा ही एक मामला अब फिर सामने आया है. खाटू श्याम का एक भक्त कील लगे तख्त पर पेट के बल लेटकर दंडी करते हुए 17 किमी की परिक्रमा कर रहा है. इसकी तस्वीरें सामने आते ही लोग हैरान हैं. 

हरियाणा के रोहतक का भक्त दिशांत खींच रहा लोगों का ध्यान

इन दिनों बाबा श्याम का एक ऐसा ही भक्त अनोखे तरीके से कठिन यात्रा कर खाटूश्याम जी की और आगे बढ़ रहा है. जी हां, हरियाणा के रोहतक के रहने वाले दिशांत कालरा अपनी मन्नत पूरी होने के बाद अब नुकीली किलो पर पेट के बल चलकर खाटू श्याम जी की दंडवत यात्रा कर रहा है.

हरियाणा का दिशांत रींगस से खाटू श्याम मंदिर के लिए निकल चुका है.

17 किमी की दंडी यात्रा अकेले कर रहे दिशांत

आपको बता दें कि श्याम भक्त दिशांत 17 किलोमीटर तक लोहे की किलो पर पेट के बल लेटकर दंडवत यात्रा कर खाटू नगरी बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे. हैरानी की बात यह है कि यह भक्त अकेला ही दंडवत यात्रा करते हुए आगे बढ़ रहा है. इसकी देखभाल के लिए एक भी व्यक्ति उनके साथ नहीं चल रहा है. 

रींगस से शुरू की असाध्य यात्रा

हरियाणा की रोहतक निवासी दिशांत कालरा गुरुवार को रोहतक से ट्रेन में बैठकर रींगस पहुंचे थे. जिसके बाद रींगस कस्बे स्थित प्राचीन श्याम मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने 17 किलोमीटर की इस कठिन दंडवत यात्रा की शुरुआत की है. श्याम भक्त कालरा ने बताया कि बाबा श्याम से उन्होंने मन्नत मांगी थी. 

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40 से 48 घंटे का लगेगा समय

बाबा श्याम के मन्नत पूरी करने पर अब वह यह यात्रा कर रहा है. दिशांत कालरा पूरी रात लोहे की किलो पर पेट के बल लेटते हुए खाटूश्याम जी जाएंगे. इस कठिन यात्रा में उन्हें 40 से 48 घंटे से भी अधिक का समय लगेगा. कलर की इसी यात्रा को देख लोग बाबा श्याम का स्मरण कर नतमस्तक होते नजर आ रहे हैं.

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