Rajasthan News: देश की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी खाटूश्यामजी (Khatushyamji) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वदेश दर्शन 2.0 परियोजना (Swadesh Darshan 2.0 Project) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. 87.87 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस भव्य कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत होने वाले विकास कार्यों की योजना पर स्थानीय प्रशासन, मंदिर कमेटी और भाजपा नेताओं ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिसके चलते पूरी परियोजना के भविष्य पर अनिश्चितता छा गई है.
कमेटी ने कहा- AC कमरों में बने हैं प्लान
सोमवार शाम मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में आयोजित 17 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक में स्थानीय प्रशासन और कमेटी सदस्यों के बीच तालमेल की कमी स्पष्ट दिखाई दी. यह कमेटी प्रदेश की पर्यटन और उपमुख्यमंत्री मंत्री दिया कुमारी द्वारा बनाई गई थी. बैठक के दौरान, कमेटी के सदस्यों ने पुरजोर तरीके से यह बात उठाई कि स्वदेश दर्शन 2.0 योजना में शामिल किए गए कई विकास कार्यों का स्थान तुरंत बदलने की आवश्यकता है. सदस्यों ने आरोप लगाया कि योजना में शामिल कार्य एयर कंडीशनिंग कमरों में बैठकर बनाए गए हैं, जिनका खाटूधाम आने वाले लाखों भक्तों के लिए कोई उपयोग या औचित्य नहीं है.
पार्किंग की समस्या (52 बीघा)
बैठक में उपस्थित एडिशनल एसपी दीपक गर्ग ने 52 बीघा में बनने वाली पार्किंग के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुख्य पार्किंग स्थल पर अन्य निर्माण कार्य किए जाने से यहां पहले से मौजूद पार्किंग की समस्या और भी ज्यादा विकराल हो जाएगी. खाटूश्यामजी में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं, और पार्किंग हमेशा से एक बड़ा सिरदर्द रही है.
फूड कॉर्नर और कथा पंडाल
वहीं कमेटी सदस्यों ने फूड कॉर्नर और कैफेटेरिया की जगह को काफी छोटा बताया. साथ ही, कथा पंडाल के लिए मात्र 500 लोगों की क्षमता तय किए जाने पर भी आपत्ति जताई गई. सदस्यों का तर्क था कि खाटू श्यामजी में ज्यादातर भक्त लोक दर्शन कर जल्द से जल्द निकलना चाहते हैं, ऐसे में छोटे पंडाल का कोई खास महत्व नहीं रहेगा.
रिंग रोड की मांग
उधर, भाजपा नेता गजानंद कुमावत ने जोर-शोर से रिंग रोड (Ring Road) के निर्माण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि खाटूधाम में यातायात जाम की समस्या का एकमात्र स्थायी हल रिंग रोड का निर्माण ही है. यदि रिंग रोड बन जाती है, तो यातायात व्यवस्था सुगम हो जाएगी और भक्तों को अनावश्यक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.
करोड़ों का बजट लैप्स होने का खतरा
सबसे गंभीर चिंता का विषय इस परियोजना के पूरा होने की समय सीमा है. केंद्र सरकार द्वारा जारी 87.87 करोड़ रुपये के इस बजट को मार्च 2026 तक उपयोग में लाना अनिवार्य है. अगर विकास कार्यों के स्थानों को बदलने और नए प्रस्तावों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में देरी होती है, तो पूरी संभावना है कि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित यह विशाल बजट लैप्स हो जाएगा. अगर ऐसा होता है, तो यह खाटूधाम के विकास के लिए एक बहुत बड़ा झटका साबित होगा और इस धार्मिक नगरी के लिए अंतरराष्ट्रीय कॉरिडोर का सपना अधूरा रह जाएगा.
सीकर ADM ने दिए ये निर्देश
सीकर की अतिरिक्त जिला कलेक्टर भावना शर्मा ने इस संबंध में विस्तार से चर्चा की और स्थिति की गंभीरता को समझा. उन्होंने बैठक में निर्णय लिया कि पर्यटन विभाग को विवादित विकास कार्यों की जगह को दोबारा चिन्हित करने और जल्द से जल्द संशोधित प्रस्ताव बनाकर भेजने का निर्देश दिया जाए.
पर्यटन विभाग के फैसले पर टिकी निगाहेंअब सबकी निगाहें पर्यटन विभाग पर टिकी हैं कि वह स्थानीय प्रशासन, मंदिर कमेटी और भक्तों की जरूरतों को समझते हुए कितनी तेजी से विकास कार्यों की जगह का पुनर्निधारण करता है और संशोधित प्रस्ताव केंद्र को भेजता है.
खाटूश्यामजी कॉरिडोर की विशेषताएंडिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कुछ महीने पहले बताया था कि खाटूश्यामजी में अयोध्या व काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर बनेगा, जिसमें डिजिटल म्यूजियम, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, लाइट एंड साउंड शॉ, भव्य कथा पांडाल व पार्किंग स्थल सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएगी. इससे श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और खाटूश्यामजी की यात्रा और भी सुगम हो जाएगी. इस परियोजना के पूरा होने से खाटूश्यामजी की यात्रा और भी आकर्षक हो जाएगी और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी.
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