Khatu Shyam: हिंदू सनातन धर्म में अमावस्या पर धार्मिक स्थलों और नदियों के पानी में स्नान करने का एक अलग पारंपरिक और पौराणिक महत्व है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि अमावस्या पर नदियों के जल में और पवित्र धार्मिक स्थलों के कुंड में स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. और भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है. कुछ ऐसा ही बाबा श्याम की नगरी खाटू धाम में भी आस्था का पवित्र संगम देखने को मिलता है.
भक्तों ने श्याम कुंड में किया स्नान
देर रात से ही खाटू श्याम में भक्त पहुंचने लगे. देर रात 12 बजे के बाद ही अमावस्या पर श्याम कुंड में स्नान करके बाबा के दर्शन कर रहे हैं. माना जाता है कि अमावस्या के दिन श्याम कुंड में स्नान करने के बाद बाबा का दर्शन करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. इसका पुण्य भी भक्त के पूरे परिवार को मिलता है. घर के पितरों को भी पुण्य प्राप्त होता है. साथ ही शरीर की तमाम बीमारियां भी दूर हो जाती हैं. इसी मान्यता के अनुसार आज अमावस्या पर श्याम भक्त भी श्याम कुंड में स्नान कर रहे हैं.
दो अलग-अलग कुंड बने हुए हैं
खाटूश्यामजी में दो अलग-अलग कुंड बने हुए हैं, इसमें एक महिला श्रद्धालुओं के स्नान के लिए है और दूसरे में पुरुष श्रद्धालु स्नान करते हैं. इसके बाद भक्त अपने आराध्य देव श्याम के दर्शन करते हैं. साथ ही बाबा श्याम के स्नान किए हुए पवित्र जल को भक्त अपने घर ले जाते हैं, और गंगा जल की तरह पूजते हैं. और परिवार में आयोजित होने वाले अनुष्ठानों में प्रयोग करते हैं.
कृष्ण रंग मयी मुख का दर्शन किया
अमावस्या के बाद शाही स्नान से लेकर अष्टमी तक बाबा के इसी स्वरूप का दर्शन होता है. तिलक श्रृंगार के बाद दर्शन करने का एक अलग महत्व होता है. बाबा का कृष्ण रंग मयी मुख का दर्शन अमावस्या से ही शुरू होता है, और यह शाही स्नान के बाद ही भक्त दर्शन कर पाते हैं. इसी दर्शन के लिए आज हजारों की संख्या में श्याम श्रद्धालु खाटू की और बढ़ रहे हैं.
रींगस से लेकर खाटू धाम तक वाहनों का जाम लगा हुआ है, भक्त लाइन में लगकर अपने दर्शनों की बारी का इंतजार कर रहे हैं, श्याम नाम के जयकारे लगाते श्याम भक्त लगातार आगे बढ़ रहे हैं हाथों में निशान मुंह पर बाबा के नाम के जयकारे चारों तरफ गूंजते दिखाई दे रहे हैं .
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