
Kota News: राजस्थान के कोटा में चंबल नदी के भीतरियाकुंड पर कांग्रेस पार्षदों का नगर निगम के खिलाफ लगातार हल्लाबोल जारी है. कोटा दक्षिण निगम कांग्रेस पार्षदों द्वारा चलाया जा रहा विरोध प्रदर्शन आज अपने सातवें दिन में प्रवेश कर गया है, जहां वे भारी बारिश के बावजूद जल सत्याग्रह कर रहे हैं. पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है, जिसके विरोध में यह आंदोलन जारी है.
उप महापौर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन
यह जल सत्याग्रह उप महापौर पवन मीणा के नेतृत्व में किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्षद तख्तियां लेकर जल सत्याग्रह शामिल हैं. सूचना मिलते ही दादाबाड़ी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारी कांग्रेस पार्षदों से समझाइश की, लेकिन कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि वे पिछले कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि उनके वार्डों में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाकर रोके गए विकास कार्यों को फिर से शुरू किया जाए.
सात दिनों से जारी है धरना
पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय के बाहर अपना धरना शुरू किया था, जो अब जल सत्याग्रह में बदल गया है. पिछले सात दिनों से वे लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. बारिश और विपरीत मौसम परिस्थितियों के बावजूद, पार्षदों का हौसला पस्त नहीं हुआ है और वे अपनी बात पर अडिग हैं. पार्षद इसरार मोहम्मद का कहना है कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कांग्रेसी पार्षदों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है. कोटा दक्षिण निगम के कांग्रेसी पार्षदों ने जब इसका विरोध किया तो अधिकारियों ने टेंडर तो जारी कर दिए, लेकिन अब तक वर्कऑर्डर नहीं दिया गया. जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार अनुचित है, क्योंकि वार्डों में विकास कार्य ठप होने से वार्ड की जनता परेशान हो रही है.
मुख्य आरोप और मांगें
उप महापौर पवन मीणा ने बताया कि पिछले साल से लगातार कांग्रेस समर्थित वार्डों में विकास कार्यों के टेंडर जारी नहीं किया गए है जबकि भाजपा के वार्डों में एक-एक करोड़ के विकास कार्यों के टेंडर जारी कर वर्क आर्डर भी दे दिए गए हैं.
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