Kota Suicide Case: कोटा स्टूडेंट सुसाइड मामले में परिजनों का कोचिंग संस्थान पर बड़ा आरोप, कहा- डिप्रेशन की नहीं दी जानकारी

Kota Suicide Case: कोचिंग सिटी कोटा से डिप्रेशन में आकर छात्रों के सुसाइड का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. इस साल अभी तक कोटा में रहकर नीट और जेईई की तैयारी कर रहे 4 छात्रों ने सुसाइड किया है. एक दिन पहले 13 फरवरी को कोटा में शुभ चौधरी नामक एक छात्र ने सुसाइड कर लिया था. अब कोटा पहुंचे इस छात्र के परिजनों ने कोचिंग संस्थान पर कई आरोप लगाए.

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Kota Suicide Case: पोस्टमार्टम हाउस में गुमसुम बैठे मृतक छात्र शुभ चौधरी के परिजन.

Kota Suicide Case: NEET और JEE की तैयारी के लिए पूरे देश में मशहूर राजस्थान का कोटा शहर इन दिनों छात्रों के सुसाइड की घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रह रहा है. यहां इस साल अभी तक 4 छात्र सुसाइड कर चुके हैं. 13 फरवरी को कोटा में IIT की तैयारी कर रहे एक छात्र ने सुसाइड कर लिया था. मंगलवार को सुसाइड करने वाले छात्र की पहचान शुभ चौधरी के रूप में हुई थी. शुभ छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. पहले इसके झारखंड से होने की बात कही गई थी. लेकिन बुधवार को जब शुभ के परिजन कोटा पहुंचे तो पता चला कि ये लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. बुधवार को कोटा पहुंचे शुभ चौधरी के परिजनों ने कोचिंग संस्थान पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके आधार पर पुलिस जांच में जुटी है. 

छात्र के परिजन बोले- डिप्रेशन की नहीं दी जानकारी

दरअसल कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के बढ़ते सुसाइड मामलों ने अब सबकी चिंता बढ़ा दी है. मंगलवार को छत्तीसगढ़ के छात्र शुभ कुमार चौधरी के सुसाइड मामले में कोटा पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया है कि बच्चा डिप्रेशन का शिकार था, लेकिन कोचिंग संस्थान और हॉस्टल की ओर से परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी गई. वहीं हॉस्टल के कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस भी नहीं था. 

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एंटी हैंगिंग डिवाइस लगा होता तो नहीं जाती जान

परिजनों ने कहा कि अगर उन्हें बच्चे के डिप्रेशन में होने की जानकारी दी जाती और कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगा होता तो उनके बच्चे की जान नहीं जाती. मृतक छात्रा के मामा ललन प्रताप ने पोस्टमार्टम के दौरान मीडिया से बातचीत में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जिला प्रशासन को ऐसे लापरवाही करने वाले हॉस्टल और कोचिंग संचालक के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए. हमारा बच्चा तो इस दुनिया से चला गया लेकिन कोटा में देशभर से बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर का सपना लेकर के आते हैं उनको अच्छा माहौल और परिजनों से लगातार संपर्क बनाए रखने की व्यवस्था प्रॉपर होनी चाहिए.

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रात में खाना नहीं खाया था शुभ, गुमसुम था, वार्डन को थी जानकारी

शुभ ने मामा ने आगे कहा कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन और जिला प्रशासन द्वारा हॉस्टल और कोचिंग संचालकों को दी जा रही गाइडलाइन का पालन सख्ती से होना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि रिजल्ट आने से पूर्व रात को शुभ चौधरी ने खाना भी नहीं खाया था जिसकी जानकारी हॉस्टल के वार्डन को थी और वह डिप्रेशन का शिकार हो गया था इसके बारे में भी हॉस्टल वार्डन और हॉस्टल संचालक को जानकारी थी लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया और बच्चों ने आत्मघाती कदम उठा लिया. 

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डीएम ने जांच के दिए निर्देश

वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने भी जांच के निर्देश दिए हैं. फिलहाल जवाहर नगर थाना पुलिस ने मृतक छात्र का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है. मालूम हो कि शुभ चौधरी कोटा के महावीर नगर इलाके में स्थित कृष्ण रेजिडेंसी नामक हॉस्टल में रह रहा था. वो इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और 2 साल से कोटा में रह रहा था. मंगलवार को जेईई मेन के नतीजे घोषित हुए, जिसमें कम परसेंटाइल के बाद वो डिप्रेशनमें चला
गया. 

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