Rajasthan News: राजस्थान में पांच साल पहले हुए एक पुराने मामले में कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह मामला हत्या से जुड़ा है जहां ठंडी पकौड़ी के मामले में विवाद शुरू होता है और कुछ लोग मिलकर एक दलित की हत्या कर देते हैं. यह मामला एससी-एसटी कोर्ट में लंबित था जिस पर अब कोर्ट ने कई सुनवाई, गवाह और साक्ष्य के आधार फैसला सुनाया है. जिसमें एक आरोपी को आजीवन कारावास की सुनाई गई है जबकि तीन आरोपियों को तीन महीने की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया है.
मामला झुंझुनूं का है जहां पांच साल पहले सचिन नाम के युवक की हत्या इसलिए कर दी गई थी. क्योंकि ठंडी पकौड़ी को लेकर एक छोटा सा विवाद हुआ था. अब घटना के पांच साल बाद युवक को इंसाफ मिला है.
पकौड़ी दुकानदार ने की थी सचिन की पिटाई
लोक अभियोजक एडवोकेट विनोद वर्मा ने बताया कि उदयपुरवाटी थाने में श्रीमाधोपुर के जयरामपुरा निवासी मोतीराम मीणा ने थाने में मामला दर्ज करवाया था. जिसमें उसका बेटा सचिन अपने दोस्तों के साथ कोट बांध घुमने आया. जहां पर रामावतार गुर्जर की दुकान थी. सचिन ने पकौड़ी मांगी तो रामावतार गुर्जर ने उसे ठंडी पकौड़ी देनी चाही. ठंडी पकौड़ी को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद रामावतार गुर्जर और उसके साथ पिंटू गुर्जर, रतनलाल अन्य लोगों ने मिलकर सचिन के साथ बेरहमी के साथ मारपीट की. जिससे सचिन की मौके पर मौत हो गई.
18 गवाह और 40 साक्ष्य हुए पेश
पुलिस ने इस मामले में जब जांच शुरू की तो मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें रामावतार गुर्जर, मोहनलाल, रतनलाल, फूलचंद और पिंटू गुर्जर शामिल थे. पुलिस ने जांच के बाद एससी-एसटी कोर्ट में चार्जशीट पेश किया गया. वहीं इस मामले में 18 गवाह प्रस्तुत किये गए. जबकि दोनों पक्षों की ओर से कुल 40 साक्ष्य पेश किये गए. वहीं इनमें से पांच चश्मदीदों की गवाई को महत्वपूर्ण मानते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एससी एसटी कोर्ट की विशिष्ठ न्यायाधीश सरिता नौशाद ने पिंटू गुर्जर को हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा और 50 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित किया. वहीं फूलचंद, रतनलाल, मोहनलाल तथा रामावतार को भी तीन-तीन माह की सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है.
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