Weaver Bird: नन्ही बया ने बुना अद्भुत घर, 20 दिन में तैयार किया 'दो कमरों वाला' लैंटर्न हाउस

Rajasthan News: हल्के पीले रंग की यह छोटी चिड़िया अपने घोंसले बनाने की अद्भुत कला के लिए जानी जाती है. इंसानों की तरह कंकड़-पत्थर की जगह, यह चिड़िया घास के छोटे-छोटे तिनकों और पत्तियों को बहुत ही बारीकी से बुनकर लालटेन की तरह लटकता हुआ खूबसूरत घोंसला बनाती है.

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weaver bird Nest

Jaipur News: जयपुर के वजीरपुर, मीना बड़ौदा और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों 'बया' (वीवर बर्ड) चिड़िया अपने शानदार घोंसले बनाने में जुटी हुई हैं. इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर चिड़िया भी कहा जाता है.

अद्भुत है घोंसला बनाने की कला

हल्के पीले रंग की यह छोटी चिड़िया अपने घोंसले बनाने की अद्भुत कला के लिए जानी जाती है. इंसानों की तरह कंकड़-पत्थर की जगह, यह चिड़िया घास के छोटे-छोटे तिनकों और पत्तियों को बहुत ही बारीकी से बुनकर लालटेन की तरह लटकता हुआ खूबसूरत घोंसला बनाती है. यही कारण है कि इसे बुनकर पक्षी भी कहते हैं. नर बया 20 से 25 दिन में अपना घोंसला तैयार कर लेता है.

बारिश में भी सुरक्षित रहते हैं घोंसले

बारिश का मौसम शुरू होते ही बया चिड़िया घोंसला बनाना शुरू कर देती है. पेड़ की टहनियों पर हवा में उल्टे लटकते ये घोंसले अपनी खास तकनीक के कारण बारिश की एक बूंद भी अंदर नहीं जाने देते. पक्षी विशेषज्ञ बताते हैं कि नर बया स्वेटर की तरह घोंसला बुनता है. यदि मादा को वह पसंद नहीं आता, तो नर दोबारा नया घोंसला तैयार करता है. ये चिड़ियां कांस, सरकंडे और घास को अपनी चोंच से चीरकर रेशे निकालती हैं और उन्हें ताड़ या बबूल की टहनियों से जोड़कर घोंसला बुनती हैं.

बया के घोंसले की खासियत

बया पक्षी आमतौर पर एक साथ कई घोंसले बनाते हैं और एक समुदाय में रहते हैं. इनके घोंसले में इंसानी घरों की तरह दो कमरे होते हैं: एक रहने के लिए और दूसरा अंडे देने के लिए. सबसे खास बात यह है कि घोंसले का प्रवेश द्वार नीचे की तरफ खुलता है, जो इसे शिकारियों से बचाता है. इस समय वजीरपुर और गंगापुर सिटी के आस-पास के इलाकों में पेड़ों पर इनके अनोखे घोंसले बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं.

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