विधानसभा में भाजपा की जमानत जब्त कराने वाले बागी नेता 'आक्या' ने फिर बढ़ाई मुश्किलें, लोकसभा चुनाव के लिए किया बड़ा ऐलान

Rajasthan Politics: पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की जमानत जब्त कराने वाले नेता चंद्रभान सिंह आक्या ने लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. यदि आक्या चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की परेशानी बढ़ जाएगी.

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और बागी नेता चंद्रभान सिंह आक्या.

Chandrabhan singh Aakya Fight Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है. पहली लिस्ट में भाजपा ने राजस्थान की 15 सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा की थी. लेकिन इस लिस्ट के बाद प्रदेश में भाजपा के पुराने नेताओं ने बागी तेवर अपना लिए. बगावत की सबसे तेज गूंज चूरू से सुनाई पड़ी. जहां से दो बार के भाजपा सांसद राहुल कस्वां ने टिकट काटे जाने से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया. राहुल कस्वां अब कांग्रेस के टिकट चूरू से चुनावी मैदान हैं. जोधपुर में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और दो बार सांसद रह चुके यशवंत सिंह बिश्नोई की नाराजगी सोशल मीडिया पर दिखी थी. ऐसा ही कुछ हाल पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के समय भी देखने को मिला था. तब भी भाजपा ने कई मौजूदा विधायकों को टिकट काटा था. जिसके बाद कई नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दी थी. 

विधानसभा चुनाव में आक्या ने जब्त कराई थी भाजपा की जमानत

विधानसभा चुनाव के समय भाजपा से बगावत करने वाले विधायकों में सबसे बड़ा नाम चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का था. भाजपा ने सीटिंग एमएलए आक्या का टिकट काटकर पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को टिकट दिया था. टिकट काटे जाने के बाद आक्या निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी का जमानत तक जब्त करा दिया. विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आक्या ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मिलकर उन्हें समर्थन दिया. 

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अभी भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित हैं आक्या

लोकसभा चुनाव से पहले चन्द्रभान सिंह आक्या ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे चित्तौड़गढ़ का सियासी पारा हाई हो गया है. उन्होंने कहा कि यदि कार्यकर्ता कहे तो मैं 100 प्रतिशत लोकसभा का चुनाव लडूंगा. मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में आक्या के बागी होकर चुनाव लड़ने पर भाजपा की जमानत जब्त हो गई थी. कांग्रेस और निर्दलीय के बीच मे कड़ा मुकाबला हुआ था. निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते आक्या को भाजपा से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया था. चुनाव जीतने के बाद निर्दलीय विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने अपना समर्थन देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र सौंपा था. 

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अब लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले निर्दलीय विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या के लोकसभा चुनाव लड़ने की चल रही चर्चाओं को और बल मिल गया.

कार्यकर्ताओं ने कहा तो 100 प्रतिशत चुनाव लड़ूंगाः आक्या

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में कांग्रेस के नेता की सदस्यता ग्रहण हो रही हैं. लेकिन निर्दलीय विधायक आक्या की भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने की पुरजोर कोशिश अभी तक रंग लाती नहीं नजर आ रही है. निर्दलीय विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने कहा कि आगामी दिनों में अपने कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठक करेंगे और लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाएंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में किस को समर्थन देना हैं यह तय होगा लेकिन यदि कार्यकर्ता चुनाव लड़ने को कहेंगे तो वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. 

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आक्या चुनावी मैदान में उतरे तो सीपी जोशी की हालत होगी खराब

ऐसे में भाजपा से बागी हुए चन्द्रभान चुनावी मैदान में उतरते हैं तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी होगी. विधानसभा में आक्या का टिकट कटने के पीछे आक्या ने कहा था कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने पुरानी खुन्नस निकालते हुए मेरा टिकट कटवा दिया. आपको बता दें कि गत विधानसभा में चन्द्रभान सिंह का भाजपा से टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को टिकट दिया था. नतीजों में चित्तौड़गढ़ विधानसभा से भाजपा को करीब 19 हज़ार मत ही मिल सके. यहाँ तक कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के बूथ से भी भाजपा बढ़त नहीं बना सकी. 

आक्या के लड़ने से बदल जाएगा चित्तौड़गढ़ का सियासी समीकरण

ऐसे में आक्या के चुनावी मैदान में आने से चित्तौड़गढ़ सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता हैं. कांग्रेस से दिग्गज नेता उदय लाल आंजना की पकड़ भी संसदीय क्षेत्र में मानी जाती हैं. चन्द्रभान सिंह आक्या भाजपा से 2013, 2018 में विधायक रहे. 2023 में टिकट नही मिलने से चित्तौड़गढ़ विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और 6 हज़ार से अधिक मतों से कांग्रेस उम्मीदवार को हराया. भाजपा यहाँ तीसरे नम्बर पर रही.

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