Lok Sabha Elections 2024: किसी भी नेता के लिए लोकसभा चुनाव का टिकट पाना बड़ी बात होती है. भाजपा, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों का टिकट पाने के लिए नेता सालों तक राजनीति में जूता घिसते रहते हैं. लेकिन इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिलता. हालांकि इस बार कई सीटों से ऐसी कहानी सामने आ रही है कि टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी ने ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. भाजपा ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह को बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. टिकट मिलने के बाद एक दिन बाद ही पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. गुजरात से भी टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी के चुनाव लड़ने से इनकार करने का मामला सामने आया था. गुजरात से भाजपा की प्रत्याशी रंजन बेन और भीखाजी ने टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई थी. अब ऐसा ही एक मामला कांग्रेस खेमे से सामने आया है.
राजसमंद के कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने से किया इनकार
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपने जिस नेता को लोकसभा का टिकट दिया, उसने अब चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. मामला राजस्थान के राजसमंद लोकसभा सीट से जुड़ा है. राजसमंद से कांग्रेस ने सुदर्शन सिंह रावत को लोकसभा का टिकट दिया था. लेकिन अभ सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
डोटासरा को चिट्ठी लिखकर रावत ने खोली गफलत की पोल
सुदर्शन सिंह रावत ने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को चिट्ठी लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी है. सुदर्शन सिंह रावत की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि मैंने पहले ही पार्टी नेताओं को बता दिया था कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता. लेकिन इसके बाद भी मुझे टिकट दिया गया. यह उचित नहीं है.
विदेश दौरे के कारण चुनाव लड़ने से किया इनकार
सुदर्शन सिंह रावत ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा कि पार्टी यहां से किसी दूसरे योग्य उम्मीदवार को टिकट दें. अपनी चिट्ठी में सुदर्शन सिंह रावत ने कारोबार के सिलसिले में विदेश दौरे पर रहने की बात भी कही है. उन्होंने साफ लिखा है कि अगले दो महीने उनका विदेश दौरा बना रहेगा. ऐसे में वो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
मेवाड़ के शीर्ष कांग्रेस नेता पर गंभीर आरोप
राजसमंद से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए सुदर्शन सिंह रावत ने अपनी चिट्ठी में मेवाड़ के एक शीर्ष नेता पर पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखने की बात भी कही. उन्होंने साफ लिखा कि मेरे मना करने के बाद भी मेवाड़ के एक शीर्ष नेता ने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखा. मेरे द्वारा बार-बार असहमति जताने के बाद भी मुझे टिकट दिया गया. यह उचित नहीं है.
भाजपा ने राजसमंद से महिला विश्वेश्वर सिंह को दिया है टिकट
मालूम हो कि राजसमंद से कांग्रेस ने सुर्दशन सिंह रावत को जबकि बीजेपी ने उदयपुर राजघराने की सदस्य महिमा विशेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है. सुर्दशन सिंह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतारे गए थे. वह 2018 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं. सुदर्शन सिंह रावत के पिता लक्ष्मण सिंह पूर्व मंत्री रहे हैं यानी उन्हें राजनीति विरासत में मिली है.
2018 में विधानसभा चुनाव जीते थे सुदर्शन सिंह रावत
गहलोत सरकार के समय सुदर्शन सिंह रावत मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा उनके दादा फतेह सिंह भी विधायक रह चुके हैं. वहीं, खुद सुदर्शन सिंह रावत ने साल 2018 में भीम विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के हरि सिंह चौहान को 3714 वोट से हराया था. उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर तक हुई है.
राजसमंद से दो बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस को मिली है जीत
राजसमंद लोकसभा सीट साल 2009 में अस्तित्व में आया है और इस सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हुए हैं. जिसमें एक बार कांग्रेस और दो बार लगातार बीजेपी ने जीत दर्ज की है. बीजेपी ने इस सीट पर हर बार उम्मीदवार बदल रहा है. 2014 में इस सीट पर हरिओम सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा था. वहीं 2019 में दिया कुमारी को उम्मीदवार बनाया गया था. वहीं 2024 के लिए महिमा विशेश्वर सिंह को टिकट दिया गया है.
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