Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव के लिए बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कई दिनों से चर्चा चल रही है. जिसके चलते कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है. जहां कांग्रेस पार्टी का आलाकमान भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन को लेकर आम सहमति बनाने को लेकर मंथन कर रहा है, वहीं मेवाड़ और वागड़ क्षेत्र के कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन करने को इच्छुक नहीं है. इसको लेकर स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर इस तरह की गठबंधन नहीं करने की मांग की है.
इस बात की चर्चाएं तो काफी दिनों से थी. लेकिन अब कांग्रेस-बाप के गठबंधन को लेकर कांग्रेस की नाराजगी का सबूत भी सामने आ गया है. दरअसल वागड़-मेवाड़ के कांग्रेस नेताओं द्वारा एक महीने पहले लिखी गई एक चिट्ठी सामने आई है. जिसको लेकर कांग्रेस में तूफान से पहले की शांति वाला माहौल दिख रहा है.
मेवाड़ वागड़ के नेता हुए मुखर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखें पत्र में एआईसीसी सदस्य दिनेश खोड़निया, बांसवाडा विधायक अर्जुन सिंह बामनिया, घाटोल विधायक नानालाल निनामा, कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार, बांसवाड़ा कांग्रेस जिला अध्यक्ष रमेश चंद्र पंड्या, डूंगरपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष बल्लभराम पाटीदार सहित अन्य नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि भविष्य की संभावना को देखते हुए लोकसभा चुनाव के लिए भारत आदिवासी पार्टी से किसी भी तरह का गठबंधन नहीं किया जाना चाहिए.
जनाधार खिसकने की आशंका
स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि भविष्य में बाप पार्टी से गठबंधन करने की स्थिति में पार्टी का जनाधार खिसकने की आशंका जाहिर कर रहे हैं जिसके चलते वह बाप पार्टी से गठबंधन करने को इच्छुक नहीं है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए स्थानीय नेता क्षेत्रीय पार्टी बाप से गठबंधन करना नहीं चाहते हैं. बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास में चार विधानसभा क्षेत्र में विधायक है वहीं भारत आदिवासी पार्टी का एक विधायक निर्वाचित हुआ है.
बाप पार्टी ने लोकसभा चुनाव प्रत्याशियों की घोषणा कर दी
वागड़ कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया द्वारा कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद कांग्रेस पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नहीं रहा जो लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर सके. इसको देखते हुए पार्टी आलाकमान क्षेत्रीय भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन को लेकर गंभीर है जिसके चलते अभी तक पार्टी द्वारा प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है .
जबकि कांग्रेस पार्टी ने उदयपुर और चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. वहीं भारत आदिवासी पार्टी ने गठबंधन को लेकर कांग्रेस पार्टी से किसी तरह की चर्चा किए बिना ही अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. जिसके चलते अब गठबंधन का पूरा दरोमदार कांग्रेस पार्टी पर टिका हुआ है.
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