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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में बड़ी तेजी से सियासी समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं. भाजपा, कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने लाभ के लिए पुराने नेताओं को अपने साथ जोड़ रही है. इस बीच अब बड़ी चर्चा शिव विधानसभा के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी को लेकर सामने आई है. चर्चा है कि रविंद्र सिंह भाटी जल्द भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अभी तक शिव विधायक भाटी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बात नहीं कही गई है. लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा किसी भी तरीके से रविंद्र भाटी को अपने पाले में लेना चाह रही है.
निर्दलीय विधानसभा चुनाव जीत अपनी लोकप्रियता का अहसास करा चुके भाटी
रविंद्र भाटी भी भाजपा के साथ जाना चाहते हैं. लेकिन कुछ चीजों पर बात अभी भी अटकी है. बीते दिनों रविंद्र भाटी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात की थी. विधानसभा चुनाव से पहले तक रविंद्र भाटी भाजपा के साथ ही थे. लेकिन शिव विधानसभा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत हासिल कर पार्टी नेताओं को अपनी लोकप्रियता का अहसास करा दिया था.
विधानसभा चुनाव के बाद बीते कुछ दिनों से रविंद्र भाटी के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हुई. उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए गए. भाटी के फैन क्लब के साथ-साथ उनके नजदीकियों के पोस्ट भी इस बात का इशारा कर रहे हैं कि भाटी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. लेकिन अभी तक भाटी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. यदि भाटी भाजपा के साथ हो जाते हैं तो राजस्थान का सियासी समीकरण बदल जाएगा.
राजस्थान के मंत्री ने भाटी को दिया खुला ऑफर
इधर शनिवार को जैसलमेर पहुंचे राजस्थान के पशुपालन, डेयरी विभाग गोपालन विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने रविंद्र भाटी को भाजपा में आने का खुला ऑफर दे दिया. रविंद्र सिंह को लेकर भजनलाल के मंत्री कुमारवत ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम भाजपा में मोदी जी के 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प लेकर चल रहे है. रविंद्र सिंह भी अच्छे व्यक्ति हैं उन्हें भी भाजपा व मोदी जी के संकल्प को लेकर देश हित के लिए, राष्ट्र के लिए उन्हे पार्टी में शामिल होकर काम करना चाहिए. यह मेरा मानना है.
मिशन-25 के लिए जरूरी है रविंद्र भाटी का साथ
लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में बीजेपी अपने मिशन 25 को पूरा करने में किसी तरह की गलती नहीं करना चाहती है. ऐसे में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी अब त्रिकोणीय मुकाबले को विराम देने के लिए कवायद शुरू कर दी है. बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. जिसके बाद बीजेपी के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. क्योंकि रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) की लोकप्रियता काफी अच्छी है और अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के लिए यह सीट मुश्किल हो जाएगा.
भाजपा से कैलाश चौधरी तो कांग्रेस ने उम्मेदा राम तो दिया है टिकट
बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से भाजपा ने सीटिंग एमपी कैलाश चौधरी को टिकट दिया है. टिकट बंटवारे से पहले तक कैलाश का टिकट काटे जाने की चर्चा थी. लेकिन वो अपना टिकट बचाने में सफल हुए. स्थानीय लोगों के विरोध के बीच कैलाश को अपनी सीट निकलना टफ है.
क्योंकि उनके सामने कांग्रेस ने आरएलपी के पुराने नेता उम्मेदाराम को टिकट दिया है. उम्मेदाराम की छवि अच्छी है. विधानसभा चुनाव में भी वो कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी को पानी पिला चुके हैं. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के टफ फाइट में यदि भाटी निर्दलीय उतर जाते हैं तो भाजपा के लिए बाड़मेर सीट निकलना टेढ़ी खीर हो जाएगी. ऐसे में भाजपा भाटी को अपने पाले में लेने की कोशिशों में जुटी है.
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