Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी के मिशन-25 में अहम भूमिका निभाएंगे ये 3 बड़े नेता, कल CM ने की थी मुलाकात

माना जा रहा है कि अगर राजस्थान के तीनों बड़े नेता क्रमशः जीवाराम चौधरी, मानवेंद्र सिंह जसोल और रवींद्र भााटी राजस्थान में बीजेपी के मिशन 25 मुहिम में महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते है. मानवेंद्र सिंह जसोल 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे, अब फिर उनके भाजपा से जुड़ने की संभावना है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मानवेंद्र सिंह जसोल, रवींद्र भाटी और जीवाराम चौधरी (फाइल फोटो

BJP's Mission 25: सांचौर निर्दलीय विधायक जीवाराम चौधरी ने गुरुवार को सीएम भजनलाल शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से की मुलाक़ात की और लोकसभा चुनावों को लेकर दोनों के बीच विस्तार से चर्चा हुई. राजस्थान सीएम से मुलाकात के बाद जीवाराम चौधरी के भाजपा में शामिल होने की संभावना है. जीवारा चौधरी के अलावा मानवेंद्र सिंह जसोल और शिव निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज है. 

सांचौर विधायक चुने गए जीवाराम चौधरी ने तीन बार के सांसद बीजेपी प्रत्याशी देवजी पटेल और गहलोत सरकार में मंत्री सुखराम बिश्नोई दोनों को हराकर सांचौर से निर्दलीय चुनाव जीता था. कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री सुखराम बिश्नोई दूसरे, भाजपा प्रत्याशी देवजी पटेल तीसरे स्थान पर रहे थे.

सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात करते जीवाराम चौधऱी

सांचौर विधायक जीवारा चौधरी के जालोर-सिरहोी सीट पर अच्छी पकड़ है, इसलिए भाजपा के साथ उनकी नजदीकियों की वजह साफ है. इसी तरह पूर्व सांसद और अटल बिहार वाजेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी से भी सीएम भजनलाल शर्मा ने मुलाकात की है. 

माना जा रहा है कि अगर राजस्थान के तीनों बड़े नेता क्रमशः जीवाराम चौधरी, मानवेंद्र सिंह जसोल और रवींद्र भााटी राजस्थान में बीजेपी के मिशन 25 मुहिम में महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते है. मानवेंद्र सिंह जसोल 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे, अब फिर उनके भाजपा से जुड़ने की संभावना है. 

गौरतलब है राजस्थान में विधानसभा चुनाव, 2013 के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में शिव निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने वाले मानवेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव 2014 में पिता के निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ अभियान चलाने के कारण उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया था.

Advertisement

वहीं, शिव विधानसभा सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए रवींद्र भाटी को भी भाजपा अपने पाले में लाने की कोेशिश कर रही है. पहली बार विधानसभा चुनाव पड़े रवींद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को पटखनी देकर जीत दर्ज की थी.

विधानसभा चुनाव 2023 से निर्दलीय रवींद्र भाटी भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन शिव विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने की आशंका में उन्होंने बागी तेयर अपनाते हुए निर्दलीय शिव विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और वो इसमें सफल भी रहे. निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर लगातार कैंपेन कर रहे हैं.

रवींद्र भाटी को बीजेपी में लाने की कवायद की एक बड़ी वजह यह भी है.क्योंकि अगर रवींद्र भाटी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी को नुकसान होना तय माना जा रहा है. रवींद्र भाटी लगातार बाड़ेमर-जैसलमेर सीट पर देव दर्शन यात्रा के बहाने वोटरों से संपर्क कर रहे हैं. 

Advertisement

ये भी पढ़ें-Holi 2024: भजनलाल सरकार में भी जारी रहेगी ये 'परंपरा', गहलोत के समय राठौड़ ने बनाया था मुद्दा

Topics mentioned in this article