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Rajasthan: भजनलाल सरकार में भी जारी रहेगी होली पर धारा-144 की 'परंपरा', गहलोत के समय राठौड़ ने बनाया था मुद्दा

Holi in Rajasthan: पिछले साल होली पर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने धारा-144 लगाया था, जिसको लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद अर्जुन लाल मीणा ने खूब हंगामा किया था और इसे कांग्रेस सरकार का तुगलकी फरमान बाते हुए राजनीतिक मुद्दा बनाया था. 

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Rajasthan: भजनलाल सरकार में भी जारी रहेगी होली पर धारा-144 की 'परंपरा', गहलोत के समय राठौड़ ने बनाया था मुद्दा
भजन लाल शर्मा और अशोक गहलोत.

Rajasthan News: हिंदू धर्म के दूसरे बड़े त्योहार होली पर्व पर राजस्थान में एक बार धारा-144 लगाया गया है, जिसका सियासी मुद्दा बनना तय है. बुधवार को जोधपुर में होली पर्व के 4 दिन पहले धारा 144 लागू करने को लेकर एक आदेश जारी किया गया है. अब इस पर राजस्थान में एक बार इसको लेकर राजनीति शुरू हो सकती है.

पिछले साल होली पर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में होली पर धारा-144 लगाया था, जिसको लेकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद अर्जुन लाल मीणा ने खूब हंगामा किया था और इसे कांग्रेस सरकार का तुगलकी फरमान बाते हुए राजनीतिक मुद्दा बनाया था. 

गौरतलब है पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने पिछले साल प्रदेश में धारा 144 लागू किया था और दलील दी थी कि त्योहारों के मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाई जाती है, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू गया था. कानून व्यवस्था के मुद्दे को धार्मिक भावनाओं को जोड़कर सोशल मीडिया पर अलग अलग बयान सामने आए थे. 

दरअसल, पिछले साल होली के त्योहार बाड़मेर में धारा-144 लागू किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को घेरा था. गहलोत सरकार के फैसले का विरोध जताते हुए उन्होंने कांग्रेस सरकार से भी सवाल पूछा था और सभापति से आप सरकार से मुद्दे पर जवाब लेने की अपील की थी. 

इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में बाड़मेर कलेक्टर के आदेश का जिक्र किया था, जिसमें होली का त्योहार पर शहर में धारा-144 लागू करने का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने विधानसभा के पटल पर कहा, होली हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. राठौड़ ने सभापति से कहा था कि आप सरकार से पूछे कि ये धारा-144 क्यों लगी हुई. 

उदयपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन लाल मीणा ने सोशल मीडिया पर बाड़मेर जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश को गहलोत सरकार का तुगलकी फरमान करार दिया था. बीजेपी सांसद ने तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत से पूछा था, 'अशोक गहलोत जी हिन्दू पर्वों से आखिर आपको इतनी नफरत क्यों है? 

सांसद अर्जुन मीणा यही नहीं रूके थे. गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा, एक तरफ हिन्दूओं के धार्मिक प्रतीकों, यात्राओं पर रोक और दूसरी तरफ रमजान में मुस्लिम इलाकों में बिजली न काटने का फरमान...यह कैसी दोहरी मानसिकता है आपकी? आरोपों को खंडन करते हुए तत्कालीन सरकार की ओर से खूब जवाबी ट्वीट व रिट्वीट हुए.

तत्कालीन सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बयानों पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के अलग अलग शहरी प्रशासन की ओर से जारी धारा 144 के आदेशों से जुड़ी खबरों को ट्वीट किया.

सवाल है कि क्या गहलोत सरकार में होली पर लागू किए गए धारा 144  बवाल काटने वाली भाजपा नेता भजनलाल सरकार में जारी हुए धारा 144 के आदेशों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं. संभव है कांग्रेस नेता भजनलाल सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे, तब देखना होगा कि भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया दिलचस्प होगी 

जोधपुर जिला प्रशासन ने शहर में धारा 144 को लेकर जारी आदेश पर सफाई देते हुए कहा कि रमजान का महीना भी चल रहा है और होली का त्यौहार भी है, ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भारी नहीं पड़ जाए. इसी को देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय द्वारा धारा 144 लगाई गई है. उन्होंने बताया कि होली के त्योहार के दौरान पुलिस गश्त भी बढ़ाई गई है.

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जोधपुर डीसीपी (मुख्यालय) शरद चौधरी ने बुधवार को होली पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लगाने के आदेश जारी किया  यह आदेश 21 मार्च 2024 से 11 अप्रैल 2024 तक प्रभावी रहेगा. इसके तहत किसी भी संप्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो कैसेट्स व नारे नहीं लगाएगा, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे.

आदेश के मुताबिक होली की हुड़दंग में रंग खेलते हुए लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि किसी दूसरे संप्रदाय की धार्मिक भावनाएं आहत न हो जाए. होली में रंग भरे गुब्बारे और घातक रसायन, धूल, कीचड़, ऑयल पेंट आदि का उपयोग वर्जित है. 

दिलचस्प यह है कि आदेश में होली की मूल भावना का भी ख्याल नहीं रखा गया है.  होली की पंच पाइन 'बुरा न मानो होली है' को तक को बख्शा नहीं गया है. आदेश के मुताबिक रंग खेलने के अनिच्छुक व्यक्ति को जबरन रंग लगाने से मना किया गया है. यानी अब कोई भी व्यक्ति किसी राहगीर या उसके वाहनों पर उनकी अनिच्छा के रंग नहीं डालेगा.

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