राजस्थान की आखिरी सभा में PM मोदी ने चला मास्टरस्ट्रोक, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को एक साथ साधा

Lok Sabha Elctions 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक जनसभा को संबोधित किया. टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापूरिया के पक्ष में आयोजित इस जनसभा में पीएम मोदी ने आरक्षण को लेकर फिर से अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

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सवाई माधोपुर में जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी.

PM Modi Rajasthan Rally:  राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दौर चल रहा है. प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है. शेष 13 सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है. दूसरे चरण के मतदान से पहले राजस्थान में अपने प्रचार अभियान की आखिरी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला. टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापूरिया के पक्ष में आयोजित इस जनसभा में पीएम मोदी ने आरक्षण को लेकर फिर से अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. साथ ही आरक्षण के मसले पर बड़ा बयान देते हुए एक साथ दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को साधा. 

दरअसल राजस्थान में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी आखिरी जनसभा में जनता को गारंटी दी कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण न ही खत्म होगा और न ही उसे धर्म के आधार पर बांटने दिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के दिए हुए संविधान के साथ खिलवाड़ किया. जब देश का संविधान बना तो धर्म के आधार पर आरक्षण का घोर विरोध हुआ था, ताकि हमारे एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को सुरक्षा मिलती रहे."

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'कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति करती'

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों का देश के संसाधनों पर पहला हक है. पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "ये अकेला बयान नहीं था. कांग्रेस पार्टी की सोच हमेशा से तुष्टीकरण की रही है और वोटबैंक की राजनीति की रही है.

मोदी ने आगे कहा कि 2004 में जैसे ही कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनी है. तो उसके सबसे पहला काम था- आंध्रप्रदेश में एससी और एसटी के आरक्षण में कमी करके मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रयास. ये पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे कांग्रेस पूरे देश में आजमाना चाहती थी. 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने चार बार आंध्रप्रदेश में मुस्लिम आरक्षण लागू करने की कोशिश की. लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से और सुप्रीम कोर्ट की जागरुकता के कारण वह अपने मंसूबे को पूरा नहीं कर पाए. 

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2011 में इसे कांग्रेस ने देश में लागू करने की कोशिश की है. एससी, एसटी और ओबीसी को मिला हुआ अधिकार छिनकर वोट बैंक की राजनीति के लिए और को देने को खेल किया. कांग्रेस ने इतने प्रयास ये सब जानते हुए किए कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ था. लेकिन कांग्रेस ने संविधान की परवाह नहीं की. बाबा साहब अंबेडकर की परवाह नहीं की. जब हमे मौका मिला तो जो उन्होंने एससी, एसटी से छिनकर मुस्लिम कोटा निकाला था, उसको हमने खत्म कर दिया और जिनका हक था, उनका हित सुरक्षित रखा. इस पर कांग्रेस को पूरे देश में काबूला हो गई- मोदी अपने-आप को समझता क्या है.

'मोदी संविधान को समर्पित है'

प्रधानमंत्री ने कहा, "मोदी संविधान को समर्पित है, मोदी बाबा साहब अंबडेकर की पूजा करने वाला व्यक्ति है. कांग्रेस ने जब सत्ता में थी तो दलितों और पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी करके वोटबैंक राजनीति के लिए उनकी खास जमात को अलग से आरक्षण देना चाहते थे. जबकि संविधान इसके खिलाफ है.

आरक्षण का संविधान बाबा साहब ने दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को दिया. कांग्रेस और इंडी अलायंस वाले से उसे मजहब के आधार पर मुसलमानों को देना चाहते थे. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस ये ऐलान करेगी? संविधान में दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को, आदिवासियों के आरक्षण को कम करके इसे मुसलमानों को नहीं बाटेंगे. कांग्रेस ने कर्नाटक और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में आरक्षण को मजहब के आधार पर बांटने का खेल क्यों शुरू किया था. 


आरक्षण खत्म नहीं होगा ये मोदी की गारंटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण पर बात करते हुए कहा कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण न खत्म होगा, न ही उसे धर्म के नाम पर बांटने दिया जाएगा. ये मोदी की गारंटी है. 2020 में आरक्षण की संवैधानिक समय सीमा खत्म हो रही थी और उस समय आपने मोदी को सेवा के लिए बिठाया था. ये मोदी ही है, जिसने दलितों और आदिवासियों का आरक्षण 10 साल के लिए बढ़ा दिया था. कांग्रेस कभी भी विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ती है.

कांग्रेस ने इतने दशकों तक आपको पीने के साफ पानी जैसी जरूरत से वंचित रखा. बीजेपी सरकार ने हर घर जल पहुंचाने के लिए जलजीवन मिशन शुरू किया, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने उसमें भी हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार कर दिया. कांग्रेस ने राजस्थान के लिए सबसे जरूरी ईआरसीपी प्रोजेक्ट को पास नहीं होने दिया.

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