Rajasthan Politics: सूरत-मुंबई में भी 'रावसा' का जलवा, चुनाव प्रचार के बीच बाड़मेर छोड़ गुजरात-महाराष्ट्र क्यों घूम रहे रविंद्र भाटी?

Ravindra Singh Bhati: बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शिव विधायक रविंद्र भाटी की लोकप्रियता लगातार सुर्खियों में हैं. भाटी की रैली में जुट रही भीड़ भाजपा-कांग्रेस की नीदें हराम कर रही है. इस बीच रविंद्र भाटी ने अपने प्रचार अभियान में बदलाव किया है. इसका उन्हें फायदा मिलेगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त बताएगा.

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गुजरात में प्रवासियों को संबोधित करते रविंद्र भाटी.

Lok Sabha Elections 2024: रविंद्र सिंह भाटी (रावसा)  Ravindra Bhati ने निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर भाजपा-कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी है. बाड़मेर जिले के शिव विधायक भाटी को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है. बीते दिनों उनकी नामांकन सभा में लोगों का ऐसा हुजूम जुटा, जिसे देखकर विरोधी खेमे को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा. आलम यह हो गया कि सीएम भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को दो दिन तक बाड़मेर (Barmer) में कैंप करना पड़ा. रात के तीन बजे तक भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) बाड़मेर में भाजपा नेताओं के साथ मीटिंग करते रहे. सीएम की मुस्तैदी के साथ-साथ बाड़मेर की कठिन लड़ाई को जीतने के लिए भाजपा ने एक खास प्लान बनाया है. यहां संत, नेता, अभिनेता, खिलाड़ी सभी को एक-एक कर भाजपा प्रचार अभियान के बुलाने जा रही है. 

भाजपा भाटी को उनके घर में घेरने की तैयारी कर रही है. दूसरी ओर रविंद्र भाटी बाड़मेर छोड़ गुजरात, महाराष्ट्र में समर्थकों की हुजूम के साथ घूमते नजर आ रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि चुनाव प्रचार के ऐन मौके पर जब सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं, उस समय रविंद्र भाटी गुजरात, महाराष्ट्र की खाक क्यों छान रहे हैं. 

दरअसल बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट के मुकाबले को रोचक बनाने वाले निर्दलीय प्रत्याशी और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी इन दिनों बाड़मेर जैसलमेर ही नहीं अपितु राजस्थान छोड़ कर गुजरात और महाराष्ट्र की सड़कों पर समर्थकों की भारी भीड़ के साथ घूमते हुए नजर आ रहे हैं. रविंद्र को लोकसभा क्षेत्र ही नहीं राज्य के बाहर भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. रविंद्र सोमवार को गुजरात और मंगलवार को आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं.

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पहले अपने क्षेत्र में की जबरदस्त कैंपेनिंग, अब निकले बाहर

त्रिकोणीय संघर्ष के बीच हर एक एक वोट की कीमत को बखूबी समझने वाले रविंद्र सिंह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. जिसके चलते बाड़मेर-जैसलमेर में जबरदस्त कैम्पेनिंग के बाद अब रविंद्र गुजरात और महाराष्ट्र का भी दौरा कर रहे हैं. रविंद्र गुजरात-महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में जाकर जनसभाएं संबोधित कर रहे हैं. वहां भी उन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. रविंद्र ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कई वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनमें वो हजारों समर्थको के साथ इन कार्यक्रमों राजस्थानी भाषा में सम्बोधित करते हुए भी नजर आ रहे हैं.

26 साल का युवा बड़े-बड़े दिग्गजों की नींदे कर चुका हराम

रविंद्र के चुनावी रैलियों व सभाओं में उमड़ रही भीड़ को देखकर हर कोई हैरान है कि 26 साल का एक लड़का जो सामान्य परिवार से आता है और अपने दम पर चुनावी क्षेत्र में उतर गया है. लोगों का कहना है कि रविंद्र की तमाम उपलब्धिया किसी बड़े नेता या बड़ी पार्टी की नहीं बल्कि स्वयं की काबलियत के दम पर है.

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पहले छात्रसंघ अध्यक्ष बने फिर पेपर लिक मामले में विधानसभा का घेराव करना और फिर भाजपा कांग्रेस के कद्दावरों को धूल चट्टाकर विधायक बनाना. इस बागी अंदाज और मुद्दों पर बात करना अब लोगों को आकर्षित करने लगा है. उनके समर्थक कहते हैं कि रासवा का जलवा केवल राजस्थानी ही नहीं देश भर में हैं.


प्रवासियों को साधने गुजरात-महाराष्ट्र पहुंचे भाटी

दरअसल बाड़मेर, बालोतरा, जैसलमेर को साधने के बाद अब रविंद्र भाटी इस क्षेत्र के प्रवासियों को साधने के लिए दूसरे राज्यों का दौरा कर रहे हैं. रविंद्र भाटी का प्रवासियों को साधने का यह सिलसिला 8 अप्रैल से शुरू हुआ.  जो आने वाली 12 तारीख को वापस राजस्थान आकर थमेगा. लोकसभा चुनाव को लेकर रविंद्र आगामी 11 अपैरेल तक राजस्थान से बाहर प्रवासी वोटर्स को साधने के लिए जन सम्पर्क के तहत प्रवास पर रहेंगे.

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रविंद्र ने 8 अप्रैल को अहमदाबाद से प्रवासी वोर्ट्स को साधने का काम शुरू किया है. जो बड़ोदरा, भरूच, सूरत तक चला. जिसके बाद देर रात जब रविंद्र गुजरात-महाराष्ट्र की बॉर्डर पहुंचे तो रात को 2:15 बजे के करीब उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा जिसे देख रविंद्र गदगद हो उठे. रविंद्र हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, पुणे एवं अन्य विभिन्न शहरों में बाड़मेर–जैसलमेर–बालोतरा लोकसभा क्षेत्र के प्रवासियों से मुलाकात कर आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रवासियों का समर्थन व वोट जुटाने में लगे हुए हैं.

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