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राजस्थान के सांभर झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन समय से पहले शुरू, दिखेंगे हज़ारों फ्लेमिंगो

2019 में सांभर में हजारों पक्षियों की मौत हो गई थी. जयपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) वी. केतन कुमार ने कहा कि जमीनी गश्त और ड्रोन निगरानी के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है.

राजस्थान के सांभर झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन समय से पहले शुरू, दिखेंगे हज़ारों फ्लेमिंगो

Sambhar Lake: राजस्थान की सांभर झील में पानी की मात्रा बढ़ जाने से इस बार सर्दियों से पहले ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी. इस वर्ष हुई भारी बारिश के कारण झील में जलस्तर बढ़ा है. अधिकारियों ने बताया कि पक्षियों के जल्द आगमन ने पक्षी प्रेमियों के चेहरे पर खुशी ला दी है. हालांकि जीवाणु संक्रमण - ‘एवियन बोटुलिज्म' को लेकर चिंताएं भी फिर से उभर गई हैं और वन विभाग इसके लिए सतर्क है.

विशेषज्ञों ने बताया कि मानसून में हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर झील का जल स्तर पांच से सात फुट तक बढ़ गया है और ये हाल के वर्षों में सबसे अधिक है. पक्षी विशेषज्ञ गौरव दाधीच ने कहा कि सांभर बांध और आसपास के क्षेत्रों में जल स्तर काफी बढ़ गया है और इससे प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल आवास तैयार हो गया है.

वर्तमान में लगभग 40 हजार से 50 हजार ‘फ्लेमिंगो' मौजूद हैं

उन्होंने दावा किया, ''आमतौर पर अक्टूबर में शुरू होने वाला पक्षियों का प्रवास इस बार पहले ही प्रारंभ हो चुका है और वर्तमान में लगभग 40 हजार से 50 हजार ‘फ्लेमिंगो' मौजूद हैं. आने वाले महीनों में यह संख्या काफी हद तक बढ़ने की उम्मीद है.'' वन विभाग ने कहा कि ‘एवियन बोटुलिज़्म' की रोकथाम के लिए सावधानी बरती जा रही है.

2019 में सांभर में हजारों पक्षियों की मौत हो गई थी

यह एक जीवाणु संक्रमण है जिसके कारण 2019 में सांभर में हजारों पक्षियों की मौत हो गई थी. जयपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) वी. केतन कुमार ने कहा कि जमीनी गश्त और ड्रोन निगरानी के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है जबकि झील के पानी की गुणवत्ता की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.

लगभग 240 वर्ग किलोमीटर में फैली सांभर झील

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रवास के तरीकों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) तथा पक्षी विशेषज्ञों के साथ समन्वय कर रहे हैं. संक्रमण के किसी भी संदिग्ध मामले से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की गई है.'' जयपुर, नागौर और अजमेर जिलों में लगभग 240 वर्ग किलोमीटर में फैली सांभर झील हर साल हज़ारों प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है. इन पक्षियों में फ्लेमिंगो, पेलिकन, शॉवलर और वेडर आदि शामिल हैं.

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