Rajasthan News: समरावता में एसडीएम के साथ थप्पड़कांड में 8 महीने जेल में रहने के बाद नरेश मीणा ने सोमवार (21 जुलाई) को जनक्रांति यात्रा शुरू कर दी है. जनक्रांति यात्रा की शुरू करने से पहले नरेश मीणा ने एक जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और अवैध कामों के खिलाफ एक मुहिम है. उनकी यह यात्रा देश के युवाओं और किसानों के लिए हैं.
कामखेड़ा बालाजी धाम में लिया आशीर्वाद
सोमवार यात्रा की शुरुआत के मौके पर नरेश मीणा ने कामखेड़ा बालाजी धाम पहुंचकर आशीर्वाद लिया और पूजा अर्चना के बाद अपनी जनक्रांति यात्रा की शुरुआत की. यात्रा शुरू करने से पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि यात्रा का मकसद है कि भ्रष्टाचार और मिलावट खोरों के खिलाफ कठोर कानून बनाया जाए.
नेताओं पर नरेश ने किया कटाक्ष
उन्होंने कहा कि वह चप्पल उतार कर नंगे पैर पूरी यात्रा करेंगे. चाहे उनके पैरों में छाले पड़े या बदन की चमड़ी उतर जाए, लेकिन जिस मकसद को लेकर वह यात्रा निकाल रहे हैं. वह मकसद पूरा होने के बाद ही दम लेंगे. इस दौरान नरेश ने अपने भाषण के दौरान नेताओं और राजनीति पर जमकर कटाक्ष किया और कहा कि यदि ऐसा ही माहौल चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब नेता किसानों की जमीन भी छीन लेंगे.
8 दिन में नरेश चलेंगे 150 किमी
बता दें कि नरेश मीणा की यह यात्रा झालावाड़ से शुरू होकर बारां जिले में होते हुए कोटा पहुंचकर समाप्त होगी. यात्रा के पहले दिन मनोहर थाना से अकलेरा पहुंच कर हरनावदा में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है. नरेश मीणा अपनी 8 दिनों की जनक्रांति यात्रा के दौरान प्रदेश में 150 किमी की दूरी तय करेंगे.
नरेश मीणा की जनक्रांति यात्रा 11 सूत्रीय मांगो को लेकर है. रविवार को नरेश ने कहा कि एक जनक्रान्ति यात्रा निकाल रहा हूं. मैंने कल ही यात्रा की घोषणा की है. परसों जब मैं सो रहा था, तब मुझे लगा कि जनता के लिए मुझे कुछ करना चाहिए तो मैंने यह निर्णय लिया. अचानक से मेने मन में ठाना और मेने मीडिया के सामने अपनी बात रखी है.
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