Chaitra Navami 2025: नवमी पर कन्या पूजन के साथ करें मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप, खुलेंगे सुख-समृद्धि के द्वार

kanya pujan vidhi: नवमी पर कन्या पूजन करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर सुख-समृद्धि की वर्षा करती हैं.

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Chaitra navratri 2025

Navratri kanya pujan Muhurat 2025: चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है . साथ ही  कन्या पूजन का भी विधान है. मान्यता है कि नवमी पर कन्या पूजन करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर सुख-समृद्धि की वर्षा करती हैं. इसके  साथ ही माना जाता है इस दिन मां दुर्गा के विशेष मंत्र का जाप करने से भक्तों के बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं. 

नवमी पर कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म में कन्याओं को मां दुर्गा का ही रूप माना जाता है. इसलिए, इस दिन भक्त अपने घरों में छोटी कन्याओं को आमंत्रित करते हैं और पूरे विधि-विधान से उनका पूजन करते हैं. यह नौ दिनों के व्रत का समापन भी होता है, जिसके बाद व्रती कन्याओं को भोजन कराकर अपना व्रत खोलते हैं. लेकिन इस दो तिथियों की हानि होने के कारण इस बार नवरात्रि केवल 8 दिन के ही रहे. ऐसे में कल यानी रविवार को घरों में नवमी का पूजन किया जाएगा. 

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नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि 6 अप्रैल को पड़ रही है. कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस दौरान कन्या पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है.

कन्या पूजन की विधि 

  • नवमी के दिन कन्या पूजन करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 
  • इस दिन कन्याएं मां भगवती के स्वरूप में घर में प्रवेश करती हैं, इसलिए पूजन स्थल साफ-सुथरा होना चाहिए.
  •  कन्याओं को आदरपूर्वक बिठाएं, उनके पैर धोएं और उन्हें रोली-चावल का टीका लगाएं.
  •  इसके बाद उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराएं और अंत में उन्हें अपनी श्रद्धा अनुसार उपहार और दक्षिणा अवश्य दें.

बिगड़े काम बनाने वाला अचूक मंत्र

नवमी के दिन मां दुर्गा की आराधना करते समय दुर्गा सप्तशती में दिए गए इस विशेष मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है. मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के सभी बिगड़े हुए काम बन जाते हैं.

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मंत्र: "या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।। या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः"

इस मंत्र का अर्थ है कि जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में स्थित हैं, जो देवी सभी प्राणियों में शांति के रूप में स्थित हैं, उन देवी को बारंबार नमस्कार है.

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