राजस्थान में बनेगी हेरिटेज लाइब्रेरी, CM भजनलाल शर्मा ने NDTV कॉन्क्लेव में दिया निर्देश

सीएम ने कहा कि हमने यहां की हवेलियों को संरक्षित करने का काम किया. हमने लोगों से बात कर उन्हें तोड़ने से रोका. हमने 660 से ज़्यादा हवेलियों का संरक्षण किया है. 

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राजस्थान में हेरिटेज लाइब्रेरी बनाने के निर्देश

NDTV Rising Rajasthan Conclave: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की समृद्ध विरासत के संबंध में एक हेरिटेज लाइब्रेरी बनाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री शर्मा ने 24 दिसंबर को एनडीटीवी राजस्थान के कॉन्क्लेव में अधिकारियों को इस बार में निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने झुंझुनूं के मंडावा कैसल में हुए आयोजन के दौरान राजस्थान के ऐतिहासिक शहरों पर प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए इस संबंध में आदेश दिए. सीएम ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र से बड़े -बड़े उद्योगपति यहां से निकले हैं. हमने यहां की हवेलियों को संरक्षित करने का काम किया. हमने लोगों से बात कर उन्हें तोड़ने से रोका. हमने 660 से ज़्यादा हवेलियों का संरक्षण किया है. 

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस बारे में एनडीटीवी से कहा,"हम अपनी हेरिटेज पुस्तकों और हमारे इतिहास से जुड़ी सामग्रियों को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं. मुख्यमंत्री जी ने एक हेरिटेज लाइब्रेरी बनाने की बात की है, और साथ ही इस लाइब्रेरी को डिजिटल बनाए जाने की भी ज़रूरत है."  इस लाइब्रेरी में विशेष रूप से हवेलियों का इतिहास, उनसे जुड़ी कहानियां तथा वहां सहेजकर रखी हुई चीज़ों को रखा जाएगा.

राज्य सरकार राजस्थान की हवेलियों के संरक्षण को लेकर संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को से संपर्क करने की तैयारी कर रही है. राजस्थान की हवेलियों को यूनेस्को के संरक्षित धरोहरों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार आवेदन करेगी.

NDTV कॉन्क्लेव में दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान की बीजेपी सरकार प्रदेश की विरासत के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. हमने अभी 600 से ज़्यादा हवेलियों की पहचान की है. हमने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान की है जहां ऐसी बहुत सारी ऐतिहासिक विरासत हैं. इसके बाद हम यूनेस्को के पास जाएंगे और कहेंगे कि इनका संरक्षण बहुत ज़रूरी है. 

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वहीं, दिया कुमारी ने कहा कि अभी राजस्थान में ऐसी 9 इमारतें हैं जो यूनेस्को की संरक्षित इमारतों की सूची में शामिल हैं, और देश में सबसे ज़्यादा यूनेस्को संरक्षित इमारतें राजस्थान में ही हैं. हवेलियों के संरक्षण में सरकार की भूमिका बहुत सीमित हो जाती है क्योंकि इनमें से कई निजी हवेलियां हैं. उन्होंने कहा,"सरकार उनके संरक्षण के लिए ज़ोर नहीं दे सकती क्योंकि ज़्यादातर हवेलियां निजी हैं. लेकिन हम उनके संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा कर सकते हैं और यह किया जा रहा है."

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