Anand Kumar at NDTV Rajasthan Launching: राजस्थान के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है. गौरवशाली भूमि राजस्थान से आज यानी कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस दिन एनडीटीवी का रीजनल न्यूज चैनल NDTV राजस्थान लॉन्च हो गया. इस मौके पर सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. राजधानी जयपुर में मंगलवार शाम आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना, मशहूर एड गुरू पीयूष पांडे, सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार, राजस्थान में 50 गांवों में शिक्षा की अलख जगाने वाले डॉ. भरत शरण, प्रजापिता बह्माकुमारी से जुड़ी दीदी बीके सुषमा सहित कई नामचीन लोगों ने राजस्थान के साथ-साथ विभिन्न मसलों पर बातचीत की.
इस दौरान सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने एजुकेशन पैटर्न, कोचिंग सिस्टम, कोटा सुसाइड सहित कई मसलों पर बातचीत की. आनंद कुमार ने कहा कि किसी एक परीक्षा में पूरी प्रतिभा को मांपने की क्षमता नहीं होती है, ऐसे में यदि किसी बच्चे को परीक्षा में कम अंक आए तो उसे परेशान नहीं होना चाहिए.
आनंद कुमार ने सुपर-30 की शुरुआत की कहानी के बारे में बताया कि जब हमने सुपर-30 की शुरुआत की तो काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. हमने जो खुद खाया वहीं बच्चों को खिलाया. आज हमारे पढ़ाए बच्चे देश-दुनिया में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं.
जब सुपर-30 थोड़ा पॉपुलर हुआ तो हमारे पर कई लोगों के फोन आने लगे, लोग चंदा देने की पेशकश कर रहे थे. लेकिन हमने किसी से एक रुपए का चंदा नहीं लिया, चाहे मुकेश अंबानी हो, आनंद महिंद्रा हो, या पीएम मोदी हो, कई लोगों ने पैसा देने की पेशकश की, लेकिन हमने नहीं लिया.
बच्चों पर सपना थोपना गलतः आनंद कुमार
आनंद कुमार ने आगे कहा कि सपनों को थोपकर बच्चों पर दवाब बनाना गलत बात है. माता-पिता को इस बात को समझना चाहिए. मैं शिक्षकों से भी कहना चाहता हूं कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाईए. आनंद कुमार ने आगे कहा कि अब बच्चे डेटा बन गए हैं. कोचिंग में जाओ तो कहा जाता है कि क्लाइंट आ गया है.
शिक्षा को व्यापार नहीं बनाईएः आनंद कुमार
आनंद कुमार ने आगे कहा कि आप शिक्षा को व्यापार नहीं बनाईए. उन्होंने कहा कि कुछ देर पहले शिक्षकों की इज्जत खत्म होने की बात हुई. मेरा मानना है कि जिस दिन शिक्षा का मकसद बच्चों का भविष्य बनाना हो जाएगा, उस दिन शिक्षकों की इज्जत फिर से वापस आ जाएगी.
शिक्षा का मकसद पैसा नहीं, चरित्र निर्माण होना चाहिएः बीके सुषमा
इसी केशन में राजयोगिनी बीके सुषमा ने कहा कि शिक्षा का मकसद पैसा नहीं, चरित्र निर्माण होना चाहिए. बीके सुषमा ने कहा कि पैसा अपने आप आता है, लेकिन योग्यता के लिए मेहनत करनी होती है. आप अपनी योग्यता को बढ़ाए, पे.ट तो भर जाता है लेकिन पेटियां नहीं भरती. उन्होंने साफ कहा कि पैसा ही सबकुछ नहीं है.
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