NEET Result 2024: अपने बच्चों को डॉक्टर बनना लाखों परिवार का सपना होता है. माता-पिता अपने जीवन भर की कमाई के साथ-साथ पुश्तैनी जायदाद बेचकर भी बच्चों को इस प्रकार पढ़ाते हैं कि वो डॉक्टर बनकर अपने परिवार का नाम रोशन कर सकें. लेकिन डॉक्टर बनना इतना आसान भी नहीं है. कोटा, दिल्ली, सीकर, पटना, इलाहाबाद जैसे शहरों में लाखों बच्चों अपनी नीदें काली करते हुए मेडिकल के इंट्रेस एग्जाम नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी करते रहते हैं. काफी मेहनत के बाद बच्चे नीट क्यिलर करने में सफल होते हैं. सामान्य परिवार के बहुतेरे लोग तो डॉक्टरी के खर्चीली पढ़ाई से खुद को दूर ही रखते हैं. हाल ही नीट-यूजी परीक्षा की परिणाम सामने आया है. जिसमें पेपर लीक के साथ-साथ धांधली के आरोप भी लगे.
लगातार तीन साल में तीनों भाई-बहन ने क्रेक किया नीट एक्जाम
यह कहानी सामने आई है कि राजस्थान के झालावाड़ जिले के चलेट गांव से. जहां खानपुर क्षेत्र के चलेट गांव निवासी यह तीनों भाई बहन अब डॉक्टर बनने जा रहे हैं. ऐसा करके उन्होंने न केवल अपने परिवार जबकि पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि उनकी माता मनभर बाई अनपढ़ हैं और पिता राजेंद्र नागर 5वीं पास है जो खेती का काम करते हैं. इन तीनों भाई-बहन ने 3 सालों में एक एक कर नीट परीक्षा में सफलता हासिल कर पूरे प्रदेश में गांव का नाम रोशन किया है.
यूं चला सफलता का सिलसिला
तीनों भाई बहनों ने लगातार 3 वर्षों में अलग-अलग सफलता हासिल की और अलग-अलग कॉलेज से डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. परिवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2022 में बहन अंजली नागर, 2023 में छोटे भाई अविनाश नागर और 2024 में बड़े भाई अजय नागर ने नीट परीक्षा अच्छे अंकों से पास करके सभी को हैरान कर दिया. अंजली के एग्जाम में 584 नंबर आए थे और वह जाम नगर गुजरात की यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद में पढ़ाई कर रही है. वहीं अविनाश नागर ने 660 नंबर प्राप्त होने पर झारखंड के देवघर एम्स संस्थान में प्रवेश लिया है . अब बड़े भाई अजय नागर ने नीट एग्जाम 2024 में 661 अंक प्राप्त कर ओबीसी में ऑल इंडिया 9202वीं रैंक हासिल की है.
कच्चे घर में रहता है पूरा परिवार
सफलता प्राप्त करने वाले तीनों भाई बहनों के परिवार की यदि बात की जाए तो चलेट गांव में तीनों भाई बहनों के लिए मूलभूत सुख सुविधाओं का भी अभाव है. घर में केवल दो कमरे हैं जिन पर छत व प्लास्टर तक नहीं है. छत पर केवल टीन की चद्दरें बिछी हुई हैं. एक कमरे में पशुओं के लिए भूसा भरा हुआ है. तीनों भाई-बहन माता-पिता के साथ केवल एक कमरे में ही रहते हैं. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए तीनों भाई बहनों ने कोटा में किराए के कमरे में रहकर पढ़ाई की जहां साथ में उनकी मां भी रहती थी, लेकिन अब तीनों का चयन हो गया है. इसलिए मां गांव वापस आ गई है.
काफी होनहार हैं तीनों भाई-बहन
तीनों भाई बहन शुरू से ही काफी होनहार रहे हैं सभी ने सेकंडरी और सीनियर सेकण्डरी बोर्ड परीक्षा में काफी अच्छे नंबर प्राप्त किए थे. अंजली नागर ने दसवी कक्षा में 95% और 12 वीं परीक्षा में 82 %, भाई अविनाश नागर ने दसवीं में 82% एवं 12 वीं में 92% व दूसरे भाई अजय नागर ने दसवी में 82 प्रतिशत एवं 12 वीं में 72 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. अपने तीनों बच्चों की सफलता पर किसान पिता राजेंद्र नागर और हाउसवाइफ मां मनभर बाई खुशी से फूले नहीं समा रहे.
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