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NEET Result Sikar vs Kota: नीट रिजल्ट में सीकर का बढ़ा कद, कोटा को लगा झटका, जानें कैसे हुआ ऐसा?

नीट रिजल्ट 2024 में सीकर और कोटा का रिजल्ट चौंकाने वाला है. जहां सीकर के 149 छात्रों को 700 से अधिक अंक मिले हैं. वहीं कोटा के 74 छात्रों को 700 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं.

NEET Result Sikar vs Kota: नीट रिजल्ट में सीकर का बढ़ा कद, कोटा को लगा झटका, जानें कैसे हुआ ऐसा?
नीट रिजल्ट में कोटा से आगे निकला सीकर

NEET Result Sikar vs Kota: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने NEET UG Result 2024 को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. NTA ने सेंटर वाइज रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड किया है.  वहीं सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने के बाद राजस्थान का सीकर और कोटा सुर्खियों में आ गया है. रिजल्ट के मुताबिक, सीकर और कोटा का रिजल्ट चौंकाने वाला है. जहां सीकर के 149 छात्रों को 700 से अधिक अंक मिले हैं. वहीं कोटा के 74 छात्रों को 700 से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं. यानी इस साल नीट रिजल्ट में सीकर ने कोटा को पछाड़ दिया है.

NEET रिजल्ट में सीकर और कोटा का आंकड़ा

NEET रिजल्ट 2024 में पूरे देश में 1000 टॉप छात्रों में से 55 छात्र सीकर के हैं. इसमें 4 छात्र ऐसे हैं जिन्हें 720 अंक मिले हैं. जबकि कुल 149 छात्रों को 700 से अधिक अंक मिले हैं. रिजल्ट में 60 हजार की रैंक में सीकर के 3,405 छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल की है. जबकि कोचिंग के क्षेत्र में टॉप पर माना जाने वाले कोटा से 2,033 छात्र सफल हुए हैं. इसमें भी कोटा से महज 74 छात्र-छात्राओं ने 700 से अधिक अंक हासिल किया है. यानी इन आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान में 700 से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं में सीकर प्रदेश में अव्वल रहा है.

सीकर और कोटा का रिजल्ट

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सीकर क्यों रहा अव्वल

नीट परीक्षा 2024 में सीकर के देश में टॉप परिणाम देने के कारणों के बारे में एक्सपर्ट डॉ.पीयूष सूंडा ने कहा, सीकर के छात्र-छात्राओं के अच्छे परिणाम देने के का मुख्य कारण सीकर के कोचिंग इंस्टिट्यूट में बच्चों को कोचिंग, हॉस्टल, मेस, सेल्फ स्टडी रूम, डाउट काउंटर वीडियो लाइब्रेरी, अच्छी फैकल्टी सहित अन्य सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध हो रही है. इसी के कारण 10वीं, 11वीं, 12वीं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपने पूरे समय को पढ़ाई में लगा पाते हैं. उनका ध्यान अन्य कार्य के लिए डाइवर्ट नहीं होता जो आज के दिन का मुख्य कारण है. इसके साथ ही सीकर के कोचिंग इंस्टिट्यूट की मेहनत भी अन्य स्थानों के कोचिंग इंस्टिट्यूट से ज्यादा है. सबसे बड़ी बात यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मोबाइल से दूर रखा जाता है. जिसके कारण बच्चा पढ़ाई के अलावा दूसरी चीज के लिए समय नहीं निकल पाता और उसके पास पढ़ाई के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह भी सक्सेस का मुख्य कारण है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से सीकर में कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. 

डॉ पीयूष सूडा ने कहा सीकर में छात्रों के ऊपर खर्च भी कोटा सहित अन्य बड़े शहरों की तुलना में दो तिहाई कम है. यही वजह है कि आज हरियाणा पंजाब दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों के छात्र-छात्राओं और परिजनों की पहली पसंद सीकर बन चुका है. इन्हीं सब कारण से आज देश भर के एनटीए के जारी डाटा में सीकर पूरे देश में टॉप पर है.

कोटा को क्यों लगा है इस बार झटका

शिक्षाविद और कोचिंग संस्थान के निर्देश प्रमोद माहेश्वरी बताते हैं कि नीट के परीक्षा केंद्रों के नतीजे सीकर के बेहतरीन आए है. लेकिन कोटा के नतीजा भी हमेशा की तरह इस साल भी बेहतरीन आए हैं. उन्होंने सीकर के शिक्षाविदों कोचिंग संचालकों को बधाई भी दी की सीकर भी स्टूडेंट को फ्रेंडली माहौल देकर सक्सेस की दहलीज पर पहुंच रहे हैं.

प्रमोद माहेश्वरी ने कोटा के लिए चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोटा में इस साल बच्चों की कमी होना कोटा के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि कोटा का एक पूरा इलाका जो कुछ साल पहले ही डेवलप हुआ था वहां हजारों करोड़ के हॉस्टल्स निर्माण किए गए थे. उस इलाके में बच्चों की तादाद में हुई भारी कमी ने सभी को निराश कर दिया है.

माहेश्वरी बताते हैं कि कोटा में स्टूडेंट की तादाद में आई कमी आने वाले वक्त में बड़ी चुनौती बन सकती है. स्टूडेंट की कमी का बड़ा कारण उन्होंने कोचिंग सेंटर्स का देश के अन्य प्रति में शुरू किए जाने के साथ-साथ पढ़ाई पर कोटा में खर्च होने वाला महंगा खर्च बताया है.

माहेश्वरी ने चिंता जाहिर की है कि इससे पहले ही कोटा कोचिंग को संभलने की जरूरत थी. लेकिन समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए. उसका नतीजा हुआ कि कोटा की अर्थव्यवस्था जो कोचिंग इंडस्ट्री पर टिकी है. उसको बड़ा नुकसान हो रहा है और आने वाले समय में नुकसान की भरपाई कैसे होगी यह चिंता का विषय है.  

वहीं शिक्षाविद देव शर्मा बताते हैं कि कोटा में इस साल कोचिंग स्टूडेंट में आई कमी चिंता का विषय जरूर है. लेकिन कोटा कोचिंग और सीकर का फिलहाल कोई मुकाबला नहीं है. कोटा में देशभर से मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए स्टूडेंट आते हैं. कोटा ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान बन चुका है. सीकर में फिलहाल सीकर और आसपास के जिलों के स्टूडेंटस कोचिंग के लिए आ रहे हैं सीकर में कोचिंग इंडस्ट्री को ग्रोथ करने के लिए अभी बहुत सुधार करने की जरूरत महसूस होती है. वहीं कोटा कोचिंग ने यह मुकाम अपने 30 साल की मेहनत से हासिल किया है. बेहतर नतीजे के साथ देश के विभिन्न प्रांतो से आने वाले विद्यार्थियों को अपनत्व का माहौल कोटा दे रहा है. विभिन्न प्रांतो से आने वाले स्टूडेंट्स को कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने में लैंग्वेज सहित अन्य किसी तरह की समस्याओं से गुजरना नहीं पड़ता. जबकि सीकर में फिलहाल स्थानीय भाषा को प्राथमिकता दी जाती है. जिसके कारण सीकर कोचिंग में सीकर जिले के आसपास के जिलों के स्टूडेंट्स की अच्छी संख्या हैं.

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