New Transfer Policy: राजस्थान में केंद्र सरकार की तर्ज पर बनने जा रही नई ट्रांसफर पॉलिसी, 3 साल से पहले नहीं होगा तबादला

New Transfer Policy: राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के तबादले के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी बनने जा रही है. यह पॉलिसी केंद्र सरकार की तर्ज पर बनने जा रहा है. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद प्रदेश में तीन साल से पहले तबादला नहीं होगा. इसके साथ-साथ सभी सरकारी कर्मचारियों को 2 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना होगा.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा.

Rajasthan New Transfer Policy: राजस्थान सरकार अब केंद्र सरकार की तर्ज पर ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है. इस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अब अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले 3 साल से पहले नहीं हो पाएंगे. 2 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना अनिवार्य होगा. सरकार ने इसको लेकर एक एसओपी जारी की है. यह एसओपी सभी विभागों को भेजी गई है. विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से सुझाव लेकर ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा. 

यह एसओपी राज्यपाल सचिवालय, विधानसभा सचिवालय एवं राज्य निर्वाचन आयोग के कर्मियों पर लागू नहीं होगी. सभी राजकीय विभागों, बोर्ड निगमों एवं स्वयतशासी संस्थाओं के कर्मचारियों पर यह एसओपी लागू होगी. 

सभी विभागों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने विभाग के सभी स्टेक होल्डर से चर्चा कर अपने स्तर पर स्थानांतरण नीति बनाएगा. विभाग द्वारा बनाई गई नीति को प्रशासनिक सुधार विभाग को सहमति के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद उसे मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. 

राजस्थान की नई ट्रांसफर पॉलिसी के मुख्य बिंदु

  1. 3 साल से पहले ट्रांसफर नहीं होगा.
  2. 2 साल ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना होगा.
  3. कर्मचारियों को उनके समकक्ष पदों पर ही भेजा जाएगा.
  4. कर्मचारियों की संख्या के आधार पर दो कैटेगरी बनेगी. A और B. 2000 से अधिक संख्या वाले विभागों को A और उससे कम संख्या वाले विभागों को B कैटेगरी में रखा जाएगा. 
  5. विभाग द्वारा सूचना प्रद्योगिकी विभाग की मदद से आवश्यकतानुसार पोर्टल तैयार कराया जायेगा.
  6. 1 से 30 जनवरी तक खाली पदों का विवरण पोर्टल पर पब्लिश किया जाएगा. 1 से 28 फरवरी तक कर्मी स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  7. ट्रांसफर के आवेदनों पर 1 से 31 मार्च तक इन - पर्सन काउंसिलिंग की जाएगी और अधिकतम 30 अप्रैल तक स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा.
  8. काउंसिलिंग में दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता एवं एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक , उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति पत्नी प्रकरण, असाध्य रोग से पीड़ित एवं शहीदों के परिजनों को वरीयता दी जाएगी. 
  9. किसी कर्मी का तीन साल से पहले ट्रांसफर सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई, दोषी साबित होने एवं पदोन्नत होने की स्थिति में किया जा सकेगा.

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