लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात रोहित गोदारा पर कसा शिकंजा, सुबह NIA तो शाम में पहुंची STF, माता-पिता से की पूछताछ

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर केस से चर्चाओं में आया लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात रोहित गोदारा के घर पर शनिवार को सुबह में एनआईए की टीम पहुंची तो शाम में एसटीएफ ने धावा बोला. दोनों जांच दलों ने गोदारा के परिजनों से पूछताछ की.

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बीकानेर में रोहित गोदारा के घर पर एनआईए की रेड.

NIA and STF Raid at Rohit Godara House: कुख्यात गैंगेस्टर रोहित गोदारा पर अब पुलिस का शिकंजा कसने लगा है. अब क़ानून उसे छूट देने को तैयार नहीं है. बीकानेर के लूणकरणसर तहसील के कपूरिसर गांव का रहने वाला के युवक रोहित स्वामी से रोहित गोदारा कब बन गया, ये तो उसके घर वालों को भी नहीं मालूम. लेकिन उसके आपराधिक कारनामों के बाद पुलिस इसकी ढाणी के चक्कर लगाने लगी, तब माता-पिता को एहसास हुआ कि पानी सर के ऊपर से गुज़र चुका है. 

पिछले कई सालों से वे रोहित से नहीं मिले हैं. बस मीडिया के ज़रिए उसकी ख़बर मिलती रहती है. वह तो विदेश में बैठा है. लेकिन पुलिस आये दिन उनके घर पर दस्तक देती रहती है. शनिवार दोपहर में उनका इलाक़ा अचानक पुलिस की एक के बाद एक गाड़ियाँ देख कर दहशत में आ गया. ये सभी गाड़ियाँ उनके घर के आगे आकर रुकी और पुलिस की वर्दी में कई लोग धड़धड़ाते हुए घर मे घुसे.
 

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दरअसल जयपुर से आई एनआईए की टीम उनसे पूछताछ करने आई थी. एनआईए ने रोहित के सभी घर वालों से उसमे बारे में पूछताछ की और उन्हें पाबन्द किया कि जैसे ही रोहित की कोई सूचना उन्हें मिलेगी, वे पुलिस और एनआईए के साथ उसे साझा करेंगे. 

जैसे-तैसे वे एनआईए की टीम से फ़्री हुए और थोड़ी ही देर बाद हरियाणा एसटीएफ़ की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ दस्तक दे दी. हरियाणा एसटीएफ़ की टीम उनके यहाँ चल रहे अपहरण और फ़िरौती के कई मामलों में जाँच करने यहाँ आई थी. वह भी रोहित गोदारा के घर वालों से पूछताछ कर एयर उन्हें पाबन्द कर के गई है.

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मोबाइल टेक्नीशियन से कैसे कुख्यात बना रोहित गोदारा

लूणकरणसर के कपूरीसर गाँव के रहने वाले रोहित ने दसवीं क्लास पास करने के बाद मोबाइल टेक्नीशियन का काम शुरू किया और पहले लूणकरणसर और बाद में बीकानेर में दुकान खोली. इसी दौरान 2010-11 में उस पर जानलेवा हमले का मामला दर्ज हुआ. उसके बाद महिला थाने में प्रताड़ना का केस उस पर दर्ज हुआ और वह जेल गया. उसके बाद रोहित पर लगातार मामले दर्ज होते गए और उसके बाद अपना गैंग बना कर वह मोबाइल टेक्नीशियन से गैंगेस्टर बन गया. मई, 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या रोहित का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन सामने आया. अब तक उसके ख़िलाफ़ 22 मामले दर्ज हैं और वह फ़रार है.

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एक मोबाइल टेक्नीशियन से गैंगस्टर बने रोहित का असली नाम रावताराम स्वामी है. गैंगस्टर बनने के बाद से ही उसका अपने परिवार से कोई सम्पर्क नहीं है. भारत में कई अपराध करने के बाद वह विदेश चला गया और वहीं से अपने गुर्गों के ज़रिए अपनी गतिविधियाँ चला रहा है.

गोगामेड़ी मर्डर केस के बाद चर्चाओं में आया गोदारा

गैंगेस्टर  रोहित गोदारा पहले से कुख्यात तो था, मगर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद एकदम से चर्चा में आ गया. रोहित गोदारा पिछले डेढ़ साल से फ़रार है और पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. लेकिन उसकी गैंग के लोग पुलिस के निशाने पर हैं और उन्हें पकड़ कर जेल भेजा जा रहा है. पुलिस की डायरी में उसके 100 से ज़्यादा गुर्गे लिस्टेड हैं और उनमें से 36 को जेल भेजा गया है.

रोहित गोदारा गोगामेड़ी की हत्या के बाद फिर से चर्चा में इसलिए आया, क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर हत्या की ज़िम्मेदारी ली है. उसके बाद पुलिस उससे सम्बंधित ठिकानों पर दबिश दे रही है और उससे जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है. उसकी गैंग के 100 से ज़्यादा लोगों को पुलिस चिन्हित भी कर चुकी है. विधानसभा चुनाव के दौरान पहचान किये गए लोगों को पाबन्द भी किया गया था. 

रोहित गोदारा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी

पुलिस के मुताबिक़ रोहित गोदारा की गिरफ़्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी है और उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित है. उसके फ़ॉलोवर्स ने उसके नाम से कई सोशल मीडिया एकाउंट भी खोल रखे हैं, जिनका पता चलने पर क़रीब 10 एकाउंट डिलीट करवा कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की गई थी. 

NDTV से मां और भाई ने की थी रास्ता बदलने की अपील

एनडीटीवी की टीम भी कुछ समय पहले उसके घर जा चुकी है. एनडीटीवी की टीम जब उसके घर पहुँची तो उसकी माँ, पिता और भाई से मुलाक़ात हुई.रोहित की माँ गीता देवी  ने कहा कि कई सालों से उनका रोहित से कोई सम्पर्क नहीं हुआ है. उन्होंने रोहित से अपराध की दुनियाँ छोड़ देने की अपील की.

यही अपील रोहित के भाई हनुमान सारण और पिता सन्त दास ने की. आये दिन पड़ते पुलिस छापों से परिवार परेशान है और बेटे की वजह समाज में बदनाम हो चुके हैं. अब वे किसी भी मीडिया से इस बारे में बातचीत नहीं करना चाहते. बहरहाल रोहित गोदारा और उसके साथी अभी तक फ़रार है और उन्हें पकड़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं.

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