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This Article is From Feb 03, 2024

Rajasthan Politics: 'अब तो कुर्सी ने भी आपको छोड़ दिया है...' अशोक गहलोत की तबीयत बिगड़ने पर बोले पूर्व OSD लोकश शर्मा

Ashok Gehlot News: किसी समय में अशोक गहलोत के सबसे विश्वसनीय रहे ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक बार फिर अपने चिर परिचित अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर तंज कसा है.

Rajasthan Politics: 'अब तो कुर्सी ने भी आपको छोड़ दिया है...' अशोक गहलोत की तबीयत बिगड़ने पर बोले पूर्व OSD लोकश शर्मा
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ लोकेश शर्मा (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) स्वाइन फ्लू और कोरोना से ग्रसित हैं. शुक्रवार देर शाम जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद उन्हें इलाज के लिए राजधानी जयपुर में स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) के आईडीएच सेंटर में भर्ती कराया गया है. फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है. इस वक्त पूरे प्रदेश में उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है. लेकिन किसी समय में उनसे सबसे विश्वसनीय रहे ओएसडी लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) ने अपने चिर परिचित अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर तंज कसा है.

'कुर्सी ने भी आपको छोड़ दिया'

शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल से उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, 'आदरणीय आपका शुभचिंतक होने के नाते आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हूं, इसलिए मेरा आग्रह है कि उम्र के इस पड़ाव पर अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें. पिछले कई दशक से कांग्रेस और प्रदेश का भार अपने कन्धों पर उठाते हुए पूरी तरह से सिर्फ अपने राजनीतिक स्वास्थ्य का ही ध्यान रखा और उसे बखूबी बनाए भी रखा. पूरे प्रदेश ने देखा कि चोटिल होने के बावजूद व्हील चेयर और अपने दोनों पैरों को सामने सहारे पर रखकर भी प्रदेश की लगातार सेवा की. 'मैं कुर्सी छोड़ना चाहता हूं लेकिन ये कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही' कहते हुए जनहित और प्रदेशहित में अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे. अब आपकी मंशा के अनुरूप कुर्सी ने भी आपको छोड़ दिया है तो इस उम्र में तमाम दूसरी चिंताओं को छोड़कर आपको शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. क्यूंकि यहां प्रदेश में कांग्रेस के लिए कई नौजवान, होनहार, ऊर्जावान और काबिल चेहरे हैं. उन्हें अपना आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्रदान करिए ताकि भावी चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें और कांग्रेस को मजबूती से खड़ा कर सकें. मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप शीघ्र स्वस्थ्य हों और दीर्घायु हों.

'ये अशोक गहलोत की शिकस्त'

लोकेश शर्मा ने ये पोस्ट अशोक गहलोत के उस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखी है, जिसमें पूर्व सीएम ने कल देर रात अपनी बीमारी के बारे में जानकारी साझा की है. उस पोस्ट में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने लिखा, 'पिछले कुछ दिनों से बुखार होने के कारण आज डॉक्टर्स की सलाह पर जांच करवाई, जिसमें कोविड और स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इस कारण अगले सात दिन तक मुलाकात नहीं कर सकूंगा. इस बदलते मौसम में आप सब भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें.' गौरतलब है कि चुनाव परिणाम आने के बाद भी लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, 'लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है. मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं. कांग्रेस पार्टी राजस्थान में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की शिकस्त है.'

'मैंने कई बार उन्हें आगाह किया'

शर्मा ने आगे लिखा था, 'गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह पिंक प्रचार काम आया. तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत. आलाकमान के साथ फरेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद. आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था. लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए.'

'चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी'

लोकेश शर्मा ने आगे लिखा, 'मैं छः महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया. लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किये. लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी. जमीनी हकीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा, ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें, जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो. मैंने खुद ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे, लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए, और बीडी कल्ला जी के लिए मैंने 6 महीने पहले बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ. अशोक गहलोत के पार्ट पर इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए. 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी. जब आलाकमान के खिलाफ़ विद्रोह कर अवमानना की गई और उसी दिन से शुरू हो गया था खेल.'

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