Odwara Encroachment Case: राजस्थान के जालोर जिले में चारागाह (ओरण) की जमीन पर बने पक्के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई पर सियासत तेज हो गई है. राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को प्रशासन बुलडोजर लेकर 150 से अधिक पक्के मकान और 160 कच्चे मकानों को हटाने पहुंची है. अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई का ओडवाड़ा गांव के लोगों ने विरोध किया है. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल को भी मौके पर बुलाया गया है. पुलिस की तैनाती में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई. इस दौरान अपना आशियाना टूटता देख महिलाएं रोती-बिलखती नजर आई.
पायलट बोले- घर बचाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस ने किया दुर्व्यवहार
ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम की कार्रवाई ने प्रदेश से सियासी पारा को भी चढ़ा दिया है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कार्रवाई की निंदा की है. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ओडवाड़ा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की निंदा करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं.
शांति और बातचीत से मुद्दे को सुलझाने की अपील
पायलट ने आगे लिखा कि ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी. पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए.
वैभव गहलोत ने कलेक्टर के बाद वकील से की बात
दूसरी ओर ओडवाड़ा अतिक्रमण मामले में जालोर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने सु्प्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही है. वैभव गहलोत ने लिखा-
जालोर जिला कलेक्टर से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद ओडवाड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई के संबंध में मैंने वकील से विधिक राय ली है. उन्होंने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट में 20 मई को अगली सुनवाई होनी है जिससे पहले प्रशासन को कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी हाईकोर्ट को देनी होगी.
वैभव गहलोत आज ही सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे अपील
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि इसके संबंध में मैंने सुप्रीम कोर्ट के वकील से चर्चा की है एवं पीड़ित परिवारों की ओर से आज ही सुप्रीम कोर्ट में इस कार्रवाई के विरुद्ध सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र देना तय किया है. हमें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट से पीड़ित परिवारों के घर तोड़ने पर जल्द से जल्द स्टे मिलेगा और इन्हें राहत मिल सकेगी. मैं इस संबंध में पीड़ित परिवारों के साथ हूं एवं मेरा पूरा प्रयास है कि उनके साथ न्याय सुनिश्चित हो.
आहोर के ओडवाड़ा गांव में सालों से रहते आ रहे लोगों के घर तोड़े जा रहे
इससे पहले वैभव गहलोत ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की निंदा करते हुए लिखा था कि आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं. प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था. मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फ़ैसला ग्रामीणों के ख़िलाफ़ रहा होगा। आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया.
इस संबंध में मैंने जालोर कलेक्टर से भी बात कर निवेदन किया है कि संवेदनशीलता से विचार कर हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध इन गरीब लोगों के पक्ष में अपील करें एवं उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस कार्रवाई को रोक कर आमजन को न्याय दिलाने में मदद करें. मैं भी इस मामले में ग्रामीणों की मदद करने के लिए विधिक राय ले रहा हूं.
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