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This Article is From May 16, 2024

Jalore Encroachment: राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर 150 पक्के मकान तोड़ने पहुंचा प्रशासन, पुलिस से झड़प में बेहोश हुईं महिलाएं

Odwara Encroachment Drive: अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का जब ग्रामीण विरोध करने लगे तो सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. जो लोग इसके बाद भी नहीं माने उन्हें उठाकर गाड़ी से डाल दिया गया. इस दौरान कई महिलाएं भी बेहोश हो गईं.

Jalore Encroachment: राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर 150 पक्के मकान तोड़ने पहुंचा प्रशासन, पुलिस से झड़प में बेहोश हुईं महिलाएं
जालोर में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों पर किया लाठीचार्ज.

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने जालोर (Jalore) जिले के बाड़मेर रोड स्थित ओडवाडा (Odwara) गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक पक्के मकान और करीब 160 कच्चे बाडे़ हटाने के आदेश दिए हैं. इस पर अमल करते हुए गुरुवार को जब जालोर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो वहां ग्रामीण विरोध पर उतर आए. जबरदस्त हंगामे के बीच पुलिस की ग्रामीणों से झड़प भी हो गई, जिसमें कई महिलाएं बेहोश हो गईं. हालांकि पुलिसकर्मी नहीं रुके. उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए लाठीचार्ज किया और ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया.

'भाजपा के नए राजस्थान में आपका स्वागत है'

घरों पर जेसीबी और बुल्डोजर चलता देख वहां महिलाएं बेसुध हो गईं. छोटी-छोटी बच्चियां बेघर होते ही चीखती चिल्लाने लगीं. लेकिन पुलिस की कार्रवाई नहीं रुकी. जो लोग लाठीचार्ज के बाद भी विरोध करते दिखे उन्हें पुलिस ने पकड़कर वैन में डाल दिया. इस दौरान की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई हैं, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इस पूरे मामले को लेकर प्रदेशभर में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'जालोर के ओडवाडा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार, महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा. भाजपा के नये राजस्थान में आपका स्वागत है. शर्मनाक!'.

मकान की बाउंड्री तोड़ी, बिजली कनेक्शन काटे

दरअसल, हाई कोर्ट ने 7 मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे. चश्मदीदों ने बताया कि चारागाह (ओरण) भूमि पर बने मकानों को हटाने के लिए आज सुबह 7 बजे जब प्रशासन और पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया. महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गईं. इसके बाद जबदरस्त विरोध प्रदर्शन हुआ, और फिर मौके पर JCB के जरिए मकानों की बाउंड्री तोड़ी गई और कुछ घरों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए. गांव में हालात बिगड़ता देख फिलहाल प्रशासन की ओर से कल तक की राहत दी है. अधिकारियों ने कहा है कि मौजूद लोगों को कल तक सामान हटाने की चेतावनी दी जा रही है. आने वाले 3 दिनों तक लगातार कार्रवाई जारी रहेगी. शुक्रवार को फिर से कार्रवाई होगी. 

जहां कोर्ट का स्टे, वहां कार्रवाई नहीं 

आहोर SDM शंकर लाल मीणा ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है. जहां कोर्ट का स्टे है, उन जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा कि कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे. इस पर पुलिस ने समझाइश की. लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. मौके पर करीब डेढ़ हजार ग्रामीण हैं. ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने बताया कि करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुल्ल सिंह राजपुरोहित और महेन्द्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपुरोहित के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था. दोनों भाइयों का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया. जमीन की नाप हुई तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए. इसके बाद कोर्ट के आदेश से 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिए थे. कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बाड़े हटाने को लेकर गांव में मकानों को चिह्नित कर निशान लगाए गए थे.

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