
Swiggy Raises Platform Fee hike: फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने प्लेटफॉर्म फीस 16 फीसदी बढ़ा दी है. पिछले 2 वर्षों के दौरान 600 फीसदी तक वृद्धि की गई है. अनुमान के मुताबिक, स्विगी प्रतिदिन 20 लाख से अधिक ऑर्डर प्रोसेस करता है और वर्तमान प्लेटफ़ॉर्म शुल्क से प्रतिदिन करोड़ों रुपये की अतिरिक्त आय होती है. अब एक बार फिर प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 14 रुपए तक कर दिया है. इससे पहले अप्रैल-2023 में 2 रुपये से बढ़कर जुलाई-2024 में 6 रुपए और अक्टूबर-2024 में 10 रुपए किया गया था. जिससे वर्तमान में 14 रुपए कर दिया गया है.
कंपनी का लगातार बढ़ रहा है घाटा
स्विगी ने जून तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) में साल-दर-साल 1 हजार 197 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही) में हुए 611 करोड़ रुपये के घाटे से लगभग दोगुना है.
बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने अपनी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही) में 1 हजार 81 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया. यह बढ़ता घाटा मुख्य रूप से इसके क्विक कॉमर्स डिवीजन इंस्टामार्ट के कारण हुआ, जहां वित्तीय दबाव तेज़ी से बढ़ा. ज़ोमैटो और स्विगी ने पहले भी उच्च मांग वाले दिनों में उच्च प्लेटफ़ॉर्म शुल्क का परीक्षण किया है.
जोमैटो ने 2 साल में कम से कम 5 बार बढ़ाए दाम
ज़ोमैटो ने दो साल से कम समय में 5 बार शुल्क वृद्धि भी लागू की है, जो 400 प्रतिशत की वृद्धि है. ज़ोमैटो ने दो साल से कम समय में 5 बार शुल्क वृद्धि भी लागू की है, जो 400 प्रतिशत की वृद्धि है.
रेस्टोरेंट के मुकाबले ऑनलाइन ऑर्डर 50 फीसदी महंगा
कई सर्वेक्षणों के अनुसार, स्विगी-ज़ोमैटो की द्वैधता के कारण, 35 प्रतिशत तक कमीशन दरें लागू होने के कारण, रेस्टोरेंट मालिकों को मेनू की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. इससे ऑनलाइन ऑर्डर करना रेस्टोरेंट में खाने की तुलना में 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा महंगा हो गया है. उपभोक्ताओं के लिए कई बार शुल्क बढ़ाने के बावजूद, कर्मचारियों की स्थिति में सुधार न कर पाने के लिए भी कंपनियों की लगातार आलोचना हो रही है.
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