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राजस्थान कोचिंग बिल पर विपक्ष की सहमति! लेकिन सरकार ही पास करने को नहीं हुई तैयार

कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए लाए गए ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक, 2025’ पर मचे घमासान के बाद इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया.

राजस्थान कोचिंग बिल पर विपक्ष की सहमति! लेकिन सरकार ही पास करने को नहीं हुई तैयार

Rajasthan Coaching Bill: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र समाप्त हो चुका है. वहीं सत्र के आखिरी दिन कोचिंग बिल पर पक्ष और विपक्ष पर जमकर बहस छिड़ गया. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जहां विपक्ष बिल के कुछ बातों को छोड़कर विधेयक को पास करने पर अपनी सहमति जता रही थी. लेकिन सरकार की ओर से इसे पास करने को तैयार नहीं थे. इसके साथ ही बिल को प्रवर समिति (Select Committee) को भेज दिया गया. इसके बाद विपक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि सरकार ने जानबूझकर बिल को प्रवर समिति को भेजा, क्योंकि सरकार बिल को लेकर गंभीर नहीं है. 

कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए लाए गए ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक, 2025' पर मचे घमासान के बाद इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया. इस फैसले को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोचिंग सेंटरों के दबाव में आकर यह बिल पास नहीं किया और इसे जानबूझकर प्रवर समिति को भेजा गया.

बिल को और प्रभावी बनाने के लिए भेजा गया प्रवर समिति

विधायक जोगाराम पटेल ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि  सबकी बात सुनकर खुले दिल से सुझावों का स्वागत करने वाली सरकार है. प्रवर समिति में जाना गलत नहीं, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है. किसी भी बिल को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए उसे प्रवर समिति को भेजा जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का यह आरोप कि बिल को जानबूझकर रोका गया, पूरी तरह गलत है.

कोचिंग सेंटर के दबाव बिल को पास नहीं किया गया

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोचिंग सेंटर के दबाव में इस बिल को पास नहीं होने दिया. यह लोग कोचिंग संस्थानों से मिल गए हैं. पूरी सरकार का फ्लोर मैनेजमेंट फेल हो गया है. अगर सरकार गंभीर होती तो इसे पास करा लेती. उन्होंने यह भी तंज कसा कि भजनलाल सरकार ने एक हफ्ते में तीन बिल प्रवर समिति को भेजकर इतिहास बना दिया.

बिल पास हुआ तो कोचिंग राजस्थान से बाहर हो जाएगा शिफ्ट

इस बिल पर विपक्ष और स्वयं भाजपा विधायकों ने भी कड़ा विरोध जताया. बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की और तर्क दिया कि यदि यह विधेयक मौजूदा स्वरूप में पारित हो गया तो कोचिंग संस्थान राजस्थान से बाहर शिफ्ट हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल पास होने से हजारों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे और 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा. इससे अफसरशाही हावी हो जाएगी.

बिल पर प्रवर समिति की समीक्षा के बाद होगा अंतिम निर्णय

सरकार का कहना है कि बिल को प्रवर समिति में भेजना कोई यू-टर्न नहीं है, बल्कि इसे और प्रभावी बनाने के लिए यह जरूरी कदम है. अब समिति इस विधेयक के सभी प्रावधानों की समीक्षा करेगी और अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंपेगी. उसके बाद ही इस पर अंतिम फैसला होगा.

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