
Campaign for environment in Jhunjhunu: 'एक पौधे के लिए सिर्फ एक लीटर पानी', इस पहल के साथ पद्मश्री सुंडाराम वर्मा ने झुंझुनूं के देवरोड़ में पौधे लगाए. मुक्ति धाम में 7,500 पौधे लगाए, जो आज करीब डेढ़ साल बाद 10 फीट तक बड़े हो गए हैं. उन्होंने यह पहल जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए की. साथ ही चारदीवारी बनाकर सुरक्षित भी कर दिया. देवरोड़ सरपंच अनूप नेहरा के मुताबिक, ग्रामीणों ने जनसहयोग से जमीन को समतल करवाया. उसी पर सुंडाराम वर्मा ने पौधे लगाए.
यह मुहिम सितंबर 2023 में शुरू हुई, जब ग्रामीणों ने मिलकर शीशम, नीम, लेसवा, पीपल और बड़ के पौधे लगाए गए. आज यह पेड़ बनकर चारों तरफ लहलहा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ड्राय फार्मिंग तकनीक से देवरोड़ गांव की इस जमीन पर पौधे लगाए गए हैं.
जानिए इस तकनीक के बारे में
पौधे लगाने के बाद 1 लीटर पानी से इनको सींचा गया. उसके बाद में बरसात के पानी को जमीन में संचित किया जाता है. मिट्टी में मौजूद खरपतवारों की जड़ों और छोटी नलिकाओं से पानी बाहर निकलता है, जो सामान्यतः भाप बनकर उड़ जाता है. इस नमी को बनाए रखने के लिए मिट्टी की गहरी जुताई की जाती है और नलिकाओं को तोड़ा जाता है. इस तकनीक के लिए आमजन को जागरूक भी कर रहे हैं.
ऐसे विकसित की कृषि की उन्नत तकनीक
सुंडाराम को इस 'ड्रायलैंड एग्रोफोरेस्ट्री' तकनीक विकसित करने के लिए 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने साल 1972 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती को करियर के रूप में आगे बढ़ाने का फैसला किया. वर्मा ने कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में शुष्क खेती का अध्ययन किया. 10 साल तक काम करने के बाद, वर्मा ने शुष्क क्षेत्रों के लिए खेती की तकनीक विकसित की.
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