Pakistani Panther Rescue Operation: पाकिस्तान से आया खूंखार पैंथर, जैसलमेर में गटर से किया गया रेस्क्यू, वीडियो हो रहा वायरल

Pakistani Panther Rescue Operation: भारत-पाक सीमा पर जैसलमेर जिले के वन्यजीव विभाग की टीम ने शुक्रवार को पाकिस्तान से आए एक पैंथर को बड़ी मशक्क्त के बाद रेस्क्यू किया. विभाग के अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पकड़ा गया पेंथर 4 साल का नर पैंथर है.

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Pakistani Panther Rescue Operation: रेस्क्यू के बाद पिंजरे में पैंथर.

Pakistani Panther Rescue Operation: पाकिस्तान से आए एक खूंखार पैंथर के रेस्क्यू ऑपरेशन का (Panther Rescue Operation) वीडियो और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. तस्वीर में पैंथर रेस्क्यू के बाद पिंजरे में बंद बेहद खतरनाक नजर आ रहा है. वहीं रेस्क्यू के वीडियो में वन विभाग की टीम उसे एक नाले (गटर) से निकालते नजर आ रहे हैं. मामला राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर से सामने आया है. मिली जानकारी के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर जैसलमेर जिले के वन्यजीव विभाग की टीम ने शुक्रवार को पाकिस्तान से आए एक पैंथर को बड़ी मशक्क्त के बाद रेस्क्यू किया. विभाग के अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पकड़ा गया पेंथर 4 साल का नर पैंथर है.

भारत-पाक सीमा से 12 किमी अंदर आ गया था पैंथर

क्षेत्रीय वन्य जीव अधिकारी लखपत सिंह भाटी ने बताया कि गुरुवार को ग्रामीण ने सूचना दी थी कि नाचना के भारेवाला टावरिवाला के आस-पास पैंथर की सूचना मिली थी. फिर सूचना मिली कि भारत पाक सरहद के पास 12 किमी अंदर जालुवाला और टावरीवाला इलाके की कमलेश विश्नोई की ढाणी में किसी जंगली जानवर ने बकरी का शिकार किया है.

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पंजे के निशान से पैंथर की हुई पुष्टि

जिसके बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची और देखा तो पंजे के निशान पैंथर के होने पाए गए. पंजों के निशान पैंथर के होने पर हमने जोधपुर वन्य जीव विभाग से रेस्क्यू टीम को बुलाया. शुक्रवार सुबह आई जोधपुर की टीम के साथ मिलकर हमने पंजों के निशान के आधार पर पैंथर की तलाश शुरू की.

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पैंथर को रेस्क्यू करने वाली टीम.

इंदिरा गांधी नहर के पुराने नालों में छिपा था पैंथर

दिन भर की तलाश के बाद इंदिरा गांधी नहर के बनाए पुराने नालों के अंदर पैंथर के पंजों के निशान जाते नजर आए. करीब 300 मीटर लंबे नाले पर पत्थर की पट्टिया आदि हटाते-हटाते एक जगह बकरी के अवशेष भी देखने को मिले, जिसके बाद जोधपुर से आए ट्रेंकुलाइजर टीम के बंशीलाल ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया.

पिंजरे में खूंखार पैंथर.

ट्रेंकुलाइ करने के बाद गटर से निकाला गया पैंथर

काफी देर बाद पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसे नाले से बाहर निकालकर पिंजरे में बंद किया गया. लखपत सिंह की माने तो यह वही पैंथर है जो 4 महीने पहले सरहद पार कर टावरीवाला व जालुवाला इलाके में आया था और बकरियों का शिकार किया था और वापस लौट गया था.

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