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इन बुजुर्गों के हौसलों के आगे भीषण गर्मी भी टेकती है घुटने, 15 साल से बेजुबान पशु-पक्षियों की कर रहे हैं सेवा

Animals and Birds Care News: आज के दौर की युवा पीढ़ी के लिए भी अनूठी मिसाल हैं जोधपुर के ये 2 वयोवृद्ध बुजुर्ग 15 साल से 10 हजार से अधिक पशु-पक्षियों की सेवा में जुटे हुए हैं. 

इन बुजुर्गों के हौसलों के आगे भीषण गर्मी भी टेकती है घुटने, 15 साल से बेजुबान पशु-पक्षियों की कर रहे हैं सेवा
पक्षियों को दाना-पानी डालते बुजुर्ग की तस्वीर

Rajasthan Animals and Birds Care: जोधपुर में बेजुबान पक्षियों के लिए 80 वर्षीय 2 वयोवृद्ध बुजुर्ग अनूठी मिसाल को कर रहे हैं. सूर्यनगरी की इस 46 डिग्री की झुलसा देने वाली भीषण गर्मी भी इन बुजुर्गों के हौसलों के आगे घुटने टेक देती है. 80 वर्षीय लादूसिंह और बद्रीनारायण यह दोनों बुजुर्ग पिछले 15 वर्षों से इन पक्षियों की अपने परिवार के सदस्य मानते हुए इनकी सेवा के लिए जुटे हुए हैं. जहां सूर्यनगरी की इस तपती गर्मी में सभी तालाब लगभग सूखने की कगार पर हैं. ऐसे में इन बुजुर्गों द्वारा लगाता टैंकरों के जरिए पानी डलवाने के साथ ही इन पक्षियों के दाना और खाने की भी व्यवस्था भी नियमित की जाती है.

युवाओं के लिए मिशाल हैं ये बुजुर्ग

आज के दौर की युवा पीढ़ी के लिए भी जोधपुर के यह दोनों वयोवृद्ध बुजुर्ग एक मिसाल के रूप में भी उभरे हैं. इन दोनों बुजुर्गों के हौसले इतने मजबूत हैं कि चाहे भीषण गर्मी हो या बारिश या हो कड़ाके की ठंड अल सुबह से लेकर देर शाम तक यह दोनों बुजुर्ग पक्षीधाम में रहकर इन पक्षियों की देखभाल करते हैं. इस तपती गर्मी में 10 हजार से अधिक कबूतरों के रहने के लिए भामाशाहों के सहयोग से आसियाने बनाए गए हैं. दोनों ही बुजुर्ग सरकारी सेवा से सेवानिवृत होने के बाद इन पशु-पक्षियों की सेवा के लिए दिन-रात जुड़े हुए हैं.

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घर घर जाकर इकट्टा करते हैं रोटियां

73 वर्षीय बद्रीनारायण ने NDTV से खास बातचीत करते हुए बताया कि इन बेजुबान पक्षियों की सेवा के लिए जुटे हैं और वह सुबह 7 बजे घर-घर जाकर गायों के लिए रोटी इकट्ठी करते हैं. सुबह गोवंशों को रोटी खिलाने के साथ ही शाम के समय इन बेजुबान पक्षियों की सेवा में जुट जाते हैं. जोधपुर में करीब 5 ऐसी गौशालाएं हैं. जहां वह निरंतर गोवंशों की सेवा करने के लिए दिन के समय जाते हैं और अगर किसी गौशाला में गोवंश के लिए कोई समस्या है तो उसका समाधान करने का भी प्रयास करते हैं. इस बार जोधपुर के मंडोर में स्थित कोड़ी खाने में रहने वाले कौड़ियों को आ रही पानी की समस्या को भी पूरा करने के लिए वहां पानी की व्यवस्था कर रहे हैं.

कबूतर के लिए दाने की व्यवस्था

80 वर्षीय लादूसिंह बताते हैं कि वह पिछले 15 वर्षों से यह पक्षीधाम में सेवा कार्यों के लिए जुटे हुए हैं. यहां करीब 10 हजार से अधिक कबूतरों के लिए दाने की व्यवस्था करने के साथ ही उनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना ओर इसके अलावा करीब 3 हजार से अधिक पौधे भी यहां लगाए गए हैं.  

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