Rajasthan Rain: इस सीजन में 10वीं बार खोले गए पांचना बांध के गेट, अधिकारी कर रहे बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील

करौली में भारी बारिश से किसानों की फसलें खराब हो गई हैं और इलाके के सभी बांध हुए ओवरफ्लो हैं. साथ ही पंचना बांध के भी 2 गेट खोल दिए गए हैं . 

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पांचना बांध

Rajasthan News: राजस्थान में मूसलाधार बारिश का दौर लगातार जारी है. भारी बरसात के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं करौली जिले में कई सालों बाद अनुमानित 900 MM बारिश हुई है. जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हो गई है. जिसके चलते इस मानसून सत्र में 10वीं बार जिले के सबसे बड़े बांध पांचना के 2 गेट खोलकर 6500 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है. बांध का अधिकतम जलस्तर 258.62 मीटर है और पानी 258.35 मीटर पहुंच गया है.

बहाव क्षेत्र से दूर रहने की अपील 

जल संसाधन विभाग के अधिकारी XEN सुशील गुप्ता, AEN वीर सिंह जाटव, JEN सुदेश गुर्जर और भवानी सिंह बांध के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं. साथ ही बांध अधिकारियों ने लोगों को सतर्कता बरतने और नदी के बहाव क्षेत्र से दूरी बनाए रखने की अपील की हैं. 

जिले के सभी बांध ओवरफ्लो

जिले में कई वर्षों बाद मूसलाधार बारिश के बाद बड़े- बड़े बांध ओवरफ्लो हो गए हैं. साथ ही कालिसिल बांध, नींदर बांध, जगर बांध और मामचारी बांध से भी पानी की निकासी जा रही है. वहीं जिला मुख्यालय में करौली-मंडरायल रोड़ पर बना रंगवा ताल भी पूरी तरह भर चुका है और कई बार ओवरफ्लो हो गया है. रंगवा ताल में 1996 के बाद पहली बार इतनी मात्रा में पानी की आवक हुई है. मौसम विभाग ने भी आगामी दो दिन भारी बारिश की चेतावनी दी है. 

शहर के कई इलाकों में भरा पानी 

जल संसाधन विभाग अभियंता सुशील कुमार गुप्ता कहा कि गंभीर नदी के किनारे रहने वाले लोगों, किसानों और पशुपालकों से नदी के बहाव क्षेत्र में नहीं जाने और सावधानी बरतने की अपील की है. बुधवार सुबह से शुरू हुई बारिश  गुरुवार सुबह तक जारी है, जिससे शहर के कई क्षेत्रों में पानी भर गया हैं. विभाग द्वारा पानी को निकालने की कोशिश को जा रही है. 

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किसानों की फसलें हुई खराब 

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बारिश होने के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि बाजरा, तिल, मक्का, मूंगफली, ज्वार, मूंग, उड़द, जैसी फसल खेतों पानी भरने से गल गई हैं. फसलों के खराब होने से हमारा लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी प्रकार कोई सहायता नहीं  दी गई हैं. साथ ही कहा कि प्रशासन ने कोई ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया जिससे हम सभी किसानों कुछ फायदा हो. 

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