CM भजनलाल के दिल्ली दौरे में पार्वती-कालीसिंध-चंबल ERCP लिंक परियोजना का विवाद खत्म, जल्द होगा MoA

ERCP link project: दिल्ली दौरे पर गए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि दोनों राज्यों में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना पर बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है और शीघ्र ही इसके परिणाम दिखेंगे.

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Parvati-Kalisindh-Chambal ERCP Link: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और एमपी के सीएम मोहन यादव के बीच त्रिस्तरीय बैठक हुई. राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच आज श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना से जुड़े विवादों का निवारण कर लिया गया. 

बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

लंबित विवादों का निवारण, जल्द होगा एमओए

बैठक के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना पर आज संपन्न हुई समीक्षा बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच लंबित विवादों का निवारण कर लिया गया है. शीघ्र ही इस परियोजना का मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) अनुबंध होने वाला है.

सीएम बोले- दोनों राज्यों की सरकार जनता के हित में कर रही काम

सीएम शर्मा ने आगे कहा कि दोनों राज्यों की जनता के हित में मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि इसी दिशा में दोनों राज्यों में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना पर बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है और शीघ्र ही इसके परिणाम दिखेंगे. 

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दोनों राज्यों के बीच जल संबंधी मुद्दों पर हुई चर्चा

उन्होंने कहा कि बैठक में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान से संबंधित विभिन्न विकास कार्यों, जल संसाधन प्रबंधन, सीमावर्ती क्षेत्रों में जल वितरण व्यवस्था तथा दोनों राज्यों के मध्य जल संबंधी मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया. राजस्थान में जल संरक्षण के लिए एनजीओ की मदद से जल संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई, साथ ही जल भण्डारण संरचनाओं को पुनर्जीवित करने पर भी जोर दिया गया.

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