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संजीवनी घोटालाः गजेंद्र सिंह शेखावत के क्लीन चिट पर गहलोत की प्रतिक्रिया, बोले- सरकार के दबाव में SOG ने यू-टर्न लिया

Sanjeevani Scam: 900 करोड़ से अधिक से संजीवनी घोटाले में बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट दे दी. अब इस मामले में अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है.

संजीवनी घोटालाः गजेंद्र सिंह शेखावत के क्लीन चिट पर गहलोत की प्रतिक्रिया, बोले- सरकार के दबाव में SOG ने यू-टर्न लिया
गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत.

Sanjeevani Scam: संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट मिलने के मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है. गुरुवार को अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक लंबा पोस्ट करते हुए इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया में लिखा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद बनी भाजपा सरकार के दबाव में एसओजी ने इस मामले में यू-टर्न लिया. 

अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा- संजीवनी प्रकरण को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में हाईकोर्ट का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने SOG द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद SOG ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया.

जांच अधिकारी को हटाया, सरकारी वकील ने मंत्री का पक्ष लियाः गहलोत

इस केस के जांच अधिकारी (IO) को भी हटा दिया गया एवं भाजपा सरकार द्वारा नामित सरकारी वकीलों ने भी केन्द्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया. इस सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री जी की याचिका के अनुरूप FIR को रद्द नहीं किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है.

एसओजी के पुराने रिपोर्ट का दिया हवाला

SOG द्वारा 12 अप्रैल 2023 को राजकीय अधिवक्ता को लिखे गए पत्र क्रमांक SOG/SFIU/INV/2023/220 में इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जिसके पेज नंबर 7 पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत एवं उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी और आरोपी माना. इस रिपोर्ट में लिखा गया कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है. उनसे गजेन्द्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है.

सैकड़ों पीड़ितों से मुझसे मुलाकात कर पीड़ा बताई, तब जांच करवाईः गहलोत

इस केस के सैकड़ों पीड़ितों ने मुझसे मुलाकात की तब मैंने SOG से इस मामले की जानकारी मांगी. तब SOG ने गृहमंत्री के रूप में मुझे इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया. मेरा गजेन्द्र शेखावत के प्रति कोई व्यक्ति द्वेष नहीं था. SOG की इस ब्रीफिंग के आधार पर ही मैंने मीडिया के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी सामने रखी.

'शेखावत की मां के प्रति सम्मान, लेकिन तथ्यों को सामने लाना मेरा कर्तव्य'

अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी स्वर्गीय माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया. मेरा उनकी स्वर्गीय माताजी के प्रति पूरा सम्मान है परन्तु राज्य के गृहमंत्री के रूप में मेरे सामने लाए गए तथ्यों को पीड़ितों एवं जनता के सामने रखा जाना मेरा कर्तव्य था.

अब राज्य में सरकार बदलने के बाद SOG पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया जिसके कारण SOG ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है.

रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT गठित कर हो मामले की जांच

मामले में अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट के रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT बनाकर निष्पक्ष जांच की मांग की. गहलोत ने लिखा कि हाईकोर्ट के रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT बनाकर इस प्रकरण की जांच की जाए जिससे पता चले कि कांग्रेस शासन में SOG द्वारा गलत जांच की गई या अभी दबाव में SOG ने गलत रिपोर्ट तैयार की है. कांग्रेस सरकार के समय इस केस में SOG ने फॉरेंसिक ऑडिट तक करवाकर भी जांच की थी. मेरा उद्देश्य लाखों पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित कर उनके जीवन की मेहनत की कमाई वापस उनको दिलवाने का है.

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