Rajasthan News: आज रात 8 बजे से रात 10 बजे तक राजस्थान के किसी भी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री नहीं होगी. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन जयपुर ने अपनी बैठक में ये फैसला लिया है. इस फैसले के बाद ही लोगों में हड़कंप जैसी स्थिति बन गई है, और वे अपने वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए पंप पर पहुंचने लगे हैं ताकि किसी भी एमरजेंसी के वक्त उन्हें परेशान न होना पड़े. इसी के चलते पंपों पर भीड़ बढ़ने लगी है.
1 अक्टूबर को 12 घंटे बंद रहेंगे पंप
पंप संचालकों की हड़ताल पर जब एसोसिएशन के बातचीत की गई तो पदाधिकारियों ने कहा, आज सिर्फ 2 घंटे के लिए रात के समय बिक्री बंद रहेगी. लेकिन 1 अक्टूबर को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक हमनें सभी पेट्रोल पंप बंद रखने का निर्णय लिया है. इस दौरान किसी को पेट्रोल-डीजल नहीं मिल पाएगा. इतना ही नहीं, एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि अगर पेट्रोल और डीजल की खरीद में वेट कम करने की उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वे 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
बीजेपी जोरशोर से उठा रही मुद्दा
राजस्थान में जल्द ही विधानसभा होने वाले हैं, और बीजेपी शुरुआत से ही राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल बिकने का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दोबारा राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ये हड़ताल राजस्थान के चुनावी माहौल में कई समस्याएं खड़ी कर सकती है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पड़ोसी राज्य में सस्ता तेज मिलता है, ऐसे में टूरिस्ट दूसरे राज्यों से ही पेट्रोल-डीजल भरवाकर राजस्थान में दाखिल होते हैं, इस कारण राजस्थान में 270 पंप बंद हो गए हैं. वेट विसंगति की मांग को लेकर कई बार सरकार के प्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है.इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई.
कहां पर कितना वसूला जाता है वैट?
गौरतलब हैं की राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत और डीजल पर 19.30 फीसदी वैट वसूला जाता है. जबकि हरियाणा में पेट्रोल पर 18.20 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट वसूला जाता है. इसी तरह पंजाब में पेट्रोल पर 13.77 फीसदी और डीजल पर 09.92 फीसदी वैट, दिल्ली में पेट्रोल पर 19.40 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी वैट और गुजरात में पेट्रोल पर 13.70 फीसदी और डीजल पर 14.90 फीसदी वैट वसूला जाता है. कुछ दिन पहले भी पंप संचालकों ने ऐसी ही हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया था.