किशनगढ़ के फ्लाइंग इंस्टीट्यूट अव्याना एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में मंगलवार दोपहर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. यहां प्रशिक्षण उड़ान पर निकला एक छोटा एयरक्राफ्ट लैंडिंग के दौरान अचानक असंतुलित होकर रनवे से बाहर घास वाले हिस्से में पहुंच गया. हादसे के समय प्लेन में एक लड़की मौजूद थी, जो सुरक्षित है. एविएशन विभाग मामले की जांच शुरू कर दी है.
लैंडिंग के दौरान बिगड़ा संतुलन
जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर एयरक्राफ्ट लैंडिंग करते समय करीब पौने 1 बजे लेजर लाइट्स की टक्कर से असंतुलित हो गया. जैसे ही विमान रन-वे से फिसलकर घास की तरफ गया, ट्रेनी पायलट ने तुरंत इमरजेंसी प्रक्रिया अपनाई, और बाहर निकल गईं. हादसे में विमान को हल्का नुकसान पहुंचा है, लेकिन किसी को चोट नहीं आई.
घास में जाकर उलट गया
सूचना मिलते ही एयरपोर्ट अथॉरिटी और ट्रेनिंग स्कूल के अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि लैंडिंग एप्रोच के दौरान एयरक्राफ्ट का बैलेंस बिगड़ा, जिसके बाद वह घास में जाकर उलट गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह तकनीकी या बाहरी रुकावट किस कारण से हुआ, इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी.
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर होती है ट्रेनिंग
किशनगढ़ एयरपोर्ट पर स्थापित अव्याना फ्लाइंग एकेडमी राजस्थान की पहली पूर्ण विकसित ट्रेनिंग सुविधा है, जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 25 साल की लीज पर जमीन उपलब्ध कराई है. एकेडमी ने प्रशिक्षण के लिए US से 6 पाइपर आरचर पीए–28-181 एयरक्राफ्ट खरीदे हैं, जबकि जर्मनी से डबल इंजन डायमंड 43 एयरक्राफ्ट भी लिया गया है.
10 महीने के पायलट ट्रेनिंंग की फीस 55 लाख रुपये
यहां 10 महीने के पायलट ट्रेनिंग कोर्स की फीस 55 लाख रुपये निर्धारित की गई है. एडमिशन के लिए 12वीं में मैथ्स और इंग्लिश विषय आवश्यक है. फिलहाल पहले बैच में करीब 40 स्टूडेंट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिन्हें ग्राउंड ट्रेनिंग के साथ एयरक्राफ्ट हैंडलिंग और बेसिक फ्लाइंग प्रैक्टिकल्स कराए जा रहे हैं.
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