Dalit Groom Ride Horse Row: भारत में जातिगत भेदभाव की खाई अब भी पट नहीं सकी है. इसका ताजा उदाहरण राजस्थान के खैरथल-भिवाड़ी से सामने आया है. जहां दो थानों की पुलिस और सीआईडी की टीम लगी तब एक दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ सका. दलित दूल्हे की निकासी का वीडियो भी सामने आया है. जिसमें वर पक्ष के लोगों के साथ-साथ पुलिस के दर्जनों जवान चहलकदमी करते नजर आ रहे हैं. जातिगत भेदभाव की यह शर्मनाक कहानी खैरथल भिवाड़ी के लाहडोद गांव से सामने आई है. जहां पहली बार कोई दलित दूल्हा अपनी बारात में घोड़ी पर बैठा.
खैरथल-भिवाड़ी के लाहडोद गांव की घटना
मिली जानकारी के अनुसार लाहडोद गांव के दलित युवक आशीष (23 वर्ष) की बीती रात शादी हुई. इस गांव का कोई भी दलित अभी तक अपनी शादी में घोड़ी नहीं चढ़ा था. लेकिन आशीष ने इस परंपरा को खत्म करने की ठानी. लेकिन आशीष के इस फैसले से उसके परिवार के लोग डरे थे. ऐसे में उसे और उसके परिवार को पुलिस का सहारा लेना पड़ा.
बवाल के डर से दो थानों की पुलिस और सीआईडी टीम रही मुस्तैद
आशीष और उसका परिवार गांव में जातीय भेदभाव के चलते दशकों से चली आ रही इस परंपरा को खत्म करना चाहता था. लेकिन उन्हें डर था कि गांव का विशेष समुदाय इस पर आपत्ति जताएगा. लिहाजा, उन्होंने कोटकासिम थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद कोटकासिम और किशनगढ़बास थानाधिकारी जितेंद्र सिंह और भिवाड़ी सीआईडी इंचार्ज प्रीति राठौड़ ने भारी पुलिस बल के साथ गांव में मोर्चा संभाला. जिसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच दूल्हे की घोड़ी पर निकास शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई.
दूल्हे का परिवार बोला- समानता के लिए उठाया यह कदम
दूल्हे के परिवार ने कहा कि यह कदम केवल उनके लिए नहीं, बल्कि समाज में समानता और सम्मान की नई लहर पैदा करने के लिए उठाया गया है. इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण रहा. थानाधिकार नंदलाल जांगिड़ ने कहा कि दो दिन पहले शिकायत मिली थी. हमने शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई की और सुनिश्चित किया कि निकासी बिना किसी बाधा के सम्पन्न हो.
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