राजस्थान में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, शिक्षकों पर हुई कार्रवाई के खिलाफ किया उग्र प्रदर्शन

Protest Against Madan Dilawar: शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा भड़कने लगा है. इसका एक उदाहरण शुक्रवार को भी देखने को मिला. जब दर्जनों लोग सड़कों पर उतरकर शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

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राजस्थान में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रदर्शन करने लोग.

Protest Against Rajasthan Education Minister Madan Dilawar: राजस्थान में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद शिक्षा मंत्री बनाए गए मदन दिलावर (Madan Dilawar) अपने सख्त फैसलों से लोगों को चौंकाते रहे हैं. लेकिन अब उनके सख्त फैसलों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरू कर चुके हैं. इसका हालिया उदाहरण बूंदी (Bundi) जिले से सामने आया है. जहां शिक्षकों के खिलाफ हुई कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरकर लोगों ने प्रदर्शन किया, नारेबाजी की. शिक्षा मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग दलित समाज के थे. उन्होंने बीते दिनों शिक्षा मंत्री द्वारा बारां, सांगोद में निलंबित किए शिक्षकों के हक में आवाज में बुलंद की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से नोक-झोंक भी हुई.  

बारां में हेमलता बैरवा नामक टीचर को किया गया है सस्पेंड

दरअसल बारां जिले के लकड़ाई राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती पूजा नहीं करने के मामले में एक शिक्षिका हेमलता बैरवा को निलंबित कर दिया गया है. शिक्षिका बैरवा पर यह कार्रवाई शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर हुई है. इस कार्रवाई का विरोध करते हुए बूंदी जिले के दलित समाज ने शुक्रवार को सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. केशवरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी की अगुवाई में किए गए प्रदर्शन में दलित समुदाय ने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की. 

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प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट में प्रवेश को लेकर प्रदर्शनकारियों की पुलिस अधिकारियों से तू-तू मैं-मैं भी हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकरियों को अंदर घुसने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर कोतवाली, सदर ओर आरएसी का जाप्ता तैनात किया था.

सरस्वती पूजा नहीं करने पर हुई थी कार्रवाई

विधायक सीएल प्रेमी ने बताया कि बारां जिले के लकड़ाई राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में 26 जनवरी को सरस्वती की पूजा नहीं करने के मामले को लेकर स्थानीय विद्यालय के दो अध्यापकों और ग्राम वासियों ने मिलकर शिक्षिका हेमलता बैरवा का अपमान कर अभद्रता की गई थी. घटना के विरुद्ध हेमलता बैरवा द्वारा धारा 3 के तहत पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया गया था, मगर उस पर कार्रवाई नहीं करते हुए राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के इशारे पर जिला शिक्षा अधिकारी बांरा द्वारा हेमलता बैरवा को निलंबित कर दिया गया. 

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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को रोकने के लिए तैनात जवान.

शिक्षकों पर कार्रवाई बर्दाश्त के योग्य नहीं

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अल्पसंख्यक समुदाय के अध्यापकों को भी निलंबित किया गया, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षिका हेमलता बैरवा ओर सांगोद इलाके के शिक्षकों पर की गई कार्यवाही के विरोध में समस्त अनुसूचित जाति जनजाति ओबीसी वर्ग के लोगों द्वारा सहित संपूर्ण राजस्थान में बैरवा समाज ने हेमलता बैरवा के साथ हुई घटना से सम्पूर्ण दलित समाजो में रोष व्याप्त है. प्रदर्शन में बूंदी जिले के बैरवा समाज, बलाई समाज, रैगर समाज,अंबेडकर कल्याण समिति, भीम आर्मी शिक्षक संघ अंबेडकर से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल थे.

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पुलिस अधिकारियों से हुई तीखी नोकझोंक

प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट में प्रवेश को लेकर पुलिस से प्रदर्शनकारियों की तीखी नोकझोंक भी हुई. हालांकि पुलिस ने उन्हें कलेक्ट्रेट में घुसने नहीं दिया. इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्री मुर्दबाद के नारे लगाए. बाद में पुलिस अधिकारियों ने विधायक सीएल प्रेमी की अगुवाई में 11 सदस्य प्रतिनिधि मंडल को ज्ञापन देने अंदर भेजा. प्रदर्शन के समय सिटी सीओ नरेंद्र पारीक, कोतवाल तेजपाल सैनी, सदर थानाधिकारी भगवान सहाय भारी भरकम पुलिस जाप्ते के साथ तैनात थे.

कोटा में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन

बूंदी के साथ-साथ कोटा में भी शिक्षिका हेमलता बैरवा के समर्थन में दलित समाज के लोग सड़कों पर सरकार के खिलाफ उतर आए. कोटा में एसी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर आकर भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। कोटा कलेक्टेट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं  नेताओं ने सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की.

प्रदर्शनकरियों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया देकर आरोप लगाया कि बीजेपी की भजनलाल शर्मा राजस्थान में दलित वर्ग के साथ अत्याचार कर रही है. जब से भाजपा सत्ता में आई उसके बाद से दलित वर्ग से आने वाले कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की गई. दुरभावना से कार्रवाई की जा रही है, उन्हें निलंबित किया जा रहा है. 


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