Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नए साल का स्वागत एक अलग अंदाज में किया. जयपुर में कड़ी सुरक्षा के बीच वे गिरिराज गोवर्धन महाराज की परिक्रमा करने पहुंचे. यह दृश्य देखकर हर कोई हैरान रह गया क्योंकि वे कोई साधारण श्रद्धालु नहीं बल्कि राज्य के मुखिया हैं. उन्होंने आम भक्तों की तरह जमीन पर दंडवत करते हुए परिक्रमा शुरू की.
पुत्रदा एकादशी पर पवित्र यात्रा का शुभारंभ
पुत्रदा एकादशी के पावन दिन मुख्यमंत्री ने नए डीग जिले में श्रीनाथ जी के मंदिर से 21 किलोमीटर लंबी गोवर्धन परिक्रमा की शुरुआत की. वे पहले जयपुर से पूंछरी का लौठा मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की. उसके बाद ब्रजरज को माथे पर लगाकर श्रीनाथ जी के सामने सिर झुकाया. गिरिराज गोवर्धन के चरणों में समय बिताते हुए उन्होंने आध्यात्मिक शांति पाई. रात का विश्राम भी यहीं किया गया.
आम भक्त की तरह मिट्टी में दंडवत
मुख्यमंत्री ने बिना कोई चटाई या कपड़ा बिछाए सीधे मिट्टी पर कनक दंडवत किया. जतीपुरा में मुखारविंद के दर्शन कर पूजा की. यह उनका पुराना तरीका है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार वे सार्वजनिक रूप से इस तरह नजर आए. हर साल बड़े अवसरों पर वे पूंछरी का लौठा मंदिर में सिर झुकाने आते हैं.
यह सब उनकी निजी आस्था और परिवार की परंपरा से जुड़ा है. इस बार उनका पूरा परिवार साथ में परिक्रमा करता दिखा जो दर्शाता है कि यह उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है.
प्रदेश की खुशहाली की कामना
गिरिराज महाराज के चरणों में मुख्यमंत्री ने राजस्थान के हर कोने में विकास जन-जन के कल्याण और लोगों में नई ऊर्जा आने की प्रार्थना की. नववर्ष की पूर्व संध्या पर यह आध्यात्मिक यात्रा न केवल उनकी भक्ति दिखाती है बल्कि लोगों को प्रेरित भी करती है.
ऐसे में मुख्यमंत्री का यह कदम बताता है कि सत्ता के साथ आस्था का मेल कितना सुंदर हो सकता है. यह घटना राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग उनकी सादगी की तारीफ कर रहे हैं.
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