पाकिस्तान में 26 जून से जारी लगातार मानसूनी बारिश के कारण कम से कम 788 लोगों की जान चली गई है, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. स्थानीय मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी. पंजाब में 165 मौतें दर्ज की गईं, खैबर पख्तूनख्वा में सबसे अधिक 469 मौतें हुईं, इसके बाद सिंध में 51, बलूचिस्तान में 24, पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में 45, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 23 और इस्लामाबाद में आठ मौतें हुईं.
पंजाब में सबसे अधिक 584 घायल
एनडीएमए के आंकड़ों के अनुसार घायलों में 279 बच्चे, 493 पुरुष और 246 महिलाएं शामिल हैं. पंजाब में सबसे अधिक 584 लोग घायल हुए, जबकि खैबर पख्तूनख्वा में 285, सिंध में 71, पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में 42, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 28, बलूचिस्तान में पांच और इस्लामाबाद में तीन लोग घायल हुए.
प्राधिकरण ने बताया कि समन्वित आपदा प्रतिक्रिया के तहत देश भर में 512 अभियानों में कुल 25,644 लोगों को बचाया गया है.
कई जिलों में मूसलाधार बारिश
सप्ताह के अंत में हुई ताजा घटनाओं ने संकट को और बढ़ा दिया है. खैबर पख्तूनख्वा में कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 52 अन्य घायल हो गए.
पेड़ उखड़े और बिजली के तार टूटे
सिर्फ डेरा इस्माइल खान में ही तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण सात लोगों की जान चली गई. बचाव अधिकारियों ने जियो न्यूज को बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण पेड़ उखड़ गए, बिजली के तार टूट गए और कई इलाके अंधेरे में डूब गए. कई इलाकों में छत गिरने से कई लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए.
सड़कें जलमग्न, घरों में घुसा पानी
देश भर के शहरी केंद्र भी बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लाहौर में गुलबर्ग, लक्ष्मी चौक, जेल रोड और आसपास के इलाकों की सड़कें जलमग्न हो गईं और बाढ़ का पानी घरों और दुकानों में घुस गया.
इस्लामाबाद और रावलपिंंडी में नदियां उफान पर
पाकिस्तान के एक प्रमुख दैनिक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद और रावलपिंडी में भारा काहू में नदियां उफान पर थीं, जिससे वाहन फंस गए. वहीं, गुजरांवाला, गुजरात, झेलम और चिनियट में भारी बारिश के कारण बिजली के खंभे गिर गए और फीडर ट्रिप हो गए, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई.
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